नई दिल्ली: कोविड- 19 महामारी और कोविड वैक्सीन के उत्पादन में हो रही बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए दो वैक्सीन टेस्टिंग लैब स्थापित की गई हैं. केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने रविवार को कहा कि  सरकार ने वैक्सीन की जल्द टेस्टिंग और रिलीज से पहले प्रमाणीकरण की सुविधा के लिए दो लैब्स की स्थापना की है.

  
 
मंत्रालय के अनुसार सरकार ने राष्ट्रीय कोशिका विज्ञान केंद्र (एनसीसीएस) पुणे और राष्ट्रीय पशु जैव प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईएबी) हैदराबाद में सेंट्रल ड्रग लेबोरेटरी (सीडीएल) के रूप वैक्सीन टेस्टिंग की सुविधा सेटअप की है. वर्तमान में देश में कसौली में एक सेंट्रल ड्रग लेबोरेटरी है, जो देश में मनुष्यों उपयोग के लिए इम्यूनोबायोलॉजिकल (टीके और एंटीसेरा) के टेस्टिंग और रिलीज से पहले प्रमाणीकरण का काम करती है.
 
लैब्स के लिए पीएम केयर्स फंड से दिया गया पैसा
मंत्रालय ने कहा कि पीएम केयर्स फंड से पुणे और हैदराबाद में सेंट्रल ड्रग लेबोरेटरी के रूप में दो नई वैक्सीन टेस्टिंग सुविधाएं स्थापित की गई हैं. मंत्रालय ने कहा कि विभाग अनुसंधान के अलावा वैक्सीन के विकास, टेस्टिंग आदि अपना योगदान देने के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम का निर्माण भी कर रहा है.
वहीं, 28 जून, 2021 को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार  एनसीसीएस, पुणे की सुविधा को अब कोविड-19 टेस्टिंग के लिए सेंट्रल ड्रग लेबोरेटरी के रूप में अधिसूचित किया गया है. एनआईएबी, हैदराबाद के लिए भी जल्द ही नोटिफिकेशन जारी होने की संभावना है.
 
वैक्सीन निर्माण और आपूर्ति में आएगी तेजी  
सरकार ने कहा है कि इन सुविधाओं से प्रति माह लगभग 60 बैचों के टीकों की टेस्टिंग होने की उम्मीद है. मांग के अनुसार मौजूदा कोविड-19 टीकों और अन्य नए कोविड-19 टीकों का टेस्ट करने के लिए ही इन  लैब्स को तैयार किया गया है. इससे वैक्सीन निर्माण और आपूर्ति में भी तेजी आएगी, क्योंकि कि पुणे और हैदराबाद वैक्सीन निर्माण के केंद्र भी हैं.


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