नई दिल्ली: शनिवार से राष्ट्रपति भवन में सभी राज्यपालों और उपराज्यपालों का सम्मेलन शुरू होने जा रहा है. दो दिन तक चलने वाले इस सालाना सम्मेलन में साफ पानी के अलावा कृषि और शिक्षा से जुड़े मसलों पर भी चर्चा होगी. इस सम्मेलन में सभी राज्यपालों और उपराज्यपालों के साथ उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे.
सम्मेलन में चर्चा के लिए कई अहम मुद्दे शामिल किए गए हैं. जिन मुद्दों पर प्रमुखता से चर्चा होगी उनमें ईज ऑफ लिविंग भी शामिल है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस के साथ-साथ ईज ऑफ लिविंग भी सुधारने का नारा दिया है. देश के आम लोगों का जीवन स्तर सुधारने और सरल बनाने के लिए आयुष्मान भारत से लेकर उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी सिलेंडर बांटने जैसी योजनाएं शुरू की गई हैं. इसके अलावा कृषि में संस्थागत सुधारों,आदिवासियों से जुड़े मुद्दे और उच्चतर शिक्षा में नई शिक्षा नीति जैसे विषयों को भी चर्चा के एजेंडे में शामिल किया गया है.
हर घर तक साफ पानी पर रहेगा फोकस
इसके अलावा मोदी सरकार की सबसे बड़ी योजनाओं में शामिल जल जीवन मिशन पर भी काफी फोकस रहने की संभावना है. जल जीवन मिशन के तहत 2024 तक देश के हर घर में नल के जरिए पीने का साफ पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. इसलिए इस लक्ष्य को पूरा करने की रूपरेखा पर विस्तार से चर्चा की संभावना है. पिछले हफ़्ते केंद्र सरकार की ओर से साफ पानी को लेकर एक रिपोर्ट जारी की गई थी. जिसपर बवाल मचा हुआ है.
उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री भी करेंगे शिरकत
आज से शुरू हो रहा ये दो दिवसीय सम्मेलन 50वीं बार आयोजित हो रहा है. रामनाथ कोविंद के राष्ट्रपति बनने के बाद ये तीसरा सम्मेलन है. इसमें सभी राज्यपालों और उपराज्यपालों के अलावा उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह और कृषि, कानून, जलशक्ति और शिक्षा मंत्रालयों के मंत्री भी मौजूद रहेंगे. राज्य में जारी राजनीतिक उठापटक के चलते महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी के इस सम्मेलन में भाग लेने की संभावना कम जताई जा रही है.
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