नई दिल्ली: दिल्‍ली में पुलिस का अमानवीय चेहरा सामने आया है. दरअसल, पुलिसकर्मियों पर आरोप है कि एक घायल टेम्पो ड्राइवर धर्मेंद्र को अस्पताल पहुंचाने की बजाय रिश्‍वत मांग रहा था. जिसकी वजह से धर्मेंद्र की मौत हो गई. मामला ओखला इलाके का है.


धर्मेंद्र के साथ चंदन कुमार के मुताबिक, 19 जनवरी की रात करीब 9.30 बजे वो और धर्मेंद्र आजादपुर से ओखला मंडी टेम्पो में प्याज छोड़ने के लिए गए थे जिसके बाद करीब 12 बजे के आसपास जब ये लोग वापस अपने घर की ओर लौट रहे थे तभी कोतवाली इलाके में दिल्ली पुलिस के बैरीकेड को टक्कर मार दी. जिसके चलते धर्मेंद्र काफी घबरा गया और टेम्पो को भगाने लगा. जिसे देख मौके पर मौजूद पुलिस वालों ने टेम्पो का पीछा करना शुरू कर दिया और कुछ दूरी पर गीता कॉलोनी फ्लाईओवर के पास टेम्पो का संतुलन बिगड़ गया और पलट गया.


चश्मदीद चंदन के मुताबिक, वो और धर्मेंद्र घायल अवस्था में सड़क पर पड़े रहे लेकिन वहां मौजूद पुलिस वालों ने उनको अस्पताल पहुंचाने की जहमत नहीं उठाई. आरोप ये भी है कि पुलिस वालों ने दोनों की पिटाई भी की. धर्मेंद्र पुलिस वालों के आगे गुहार लगा रहा था कि उसको अस्पताल भर्ती करवा दिया जाए लेकिन पुलिस वाले सुनने को तैयार नहीं थे.


परिवार का आरोप है कि धर्मेंद्र को चार पुलिसकर्मी अस्पताल ले जाने की बजाय घरवालों को मौके पर बुलाकर धर्मेंद्र के खिलाफ केस दर्ज करने की धमकी देकर पैसे की डिमांड करने लगे और करीब 3 घंटे तक धर्मेंद्र घायल अवस्था में अपने टेम्पो में रहा.


सुबह करीब साढ़े तीन बजे के आसपास 2300 रुपये लेकर धर्मेंद्र को परिवार के सुपुर्द किया. उसके बाद जब तक परिवार धर्मेंद्र को अस्पताल ले जाता उसकी पहले ही मौत हो चुकी थी. पुलिस ने परिवार वालों की शिकायत पर चारों आरोपी पुलिस कर्मी के खिलाफ विजलेंस जांच शुरू कर. दो आरोपी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया.