मध्य प्रदेश: उज्जैन में खतरनाक डेल्टा प्लस वेरिएंट के मिले 2 मरीज, एक की मौत
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश में ‘डेल्टा प्लस’ स्वरूप (वेरिएंट) के लगभग 40 मामले सामने आए हैं. इसे ‘चिंताजनक स्वरूप’ (वीओसी) के रूप में वर्गीकृत किया है.
मध्य प्रदेश के उज्जैन में कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट के 2 मरीज सामने आए हैं. इनमें से एक मरीज की मौत हो चुकी है जबकि दूसरा मरीज पूरी तरह स्वस्थ है. उज्जैन में कोरोना पीड़ित लोगों में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग वेरिएंट का पता लगाने के लिए रेंडमली जांच कराता आया है. इसी जांच के दौरान 23 मई को उज्जैन में दम तोड़ चुकी एक महिला के शरीर में कोरोना का डेल्टा प्लस वेरिएंट सामने आया है.
महिला ने वैक्सीन नहीं लगवाया था. यह महिला उज्जैन की रहने वाली थी, जबकि एक अन्य महिला देहात की रहने वाली थी. उक्त महिला डेल्टा प्लस होने के बावजूद ठीक होकर पूरी तरह स्वस्थ है. हाल ही में डेल्टा प्लस वेरिएंट की उज्जैन में पुष्टि होने के बाद जिला प्रशासन और स्वास्थ्य महकमा सतर्क हो गया है.
भारत में ‘डेल्टा प्लस’ स्वरूप के करीब 40 मामले आए सामने
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश में ‘डेल्टा प्लस’ स्वरूप (वेरिएंट) के लगभग 40 मामले सामने आए हैं. इसे ‘चिंताजनक स्वरूप’ (वीओसी) के रूप में वर्गीकृत किया है. मंत्रालय ने बताया कि डेल्टा के अलावा डेल्टा प्लस समेत डेल्टा के सभी उप-वंशों को वीओसी की श्रेणी में रखा गया है.
त्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘ भारत में अब तक 45, मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘ भारत में अब तक 45,000 से अधिक नमूनों के अनुक्रमण के बाद डेल्टा प्लस स्वरूप - एवाई.1 - के करीब 40 मामले महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश में कहीं-कहीं सामने आए हैं और इसकी मौजूदगी में कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं देखी गई है.’’
इन तीन राज्यों को सतर्कता बढ़ाने और जन स्वास्थ्य संबंधी उचित कदम उठाने की सलाह दी गई है. ‘पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड’ (पीएचई) ने 11 जून को एवाई.1 संबंधी रिपोर्ट दी थी, जिसके बाद नमूनों के विश्लेषण से पता चला कि इस स्वरूप के संक्रमण का पहला मामला महाराष्ट्र से एकत्र किए गए नमूने में मिला। यह नमूना पांच अप्रैल को एकत्र किया गया था.
बयान में बताया गया कि 18 जून तक, दुनिया भर में एआई.1 स्वरूप के 205 अनुक्रमों का पता चला, जिनमें से 50 फीसद मामलों का पता अमेरिका और ब्रिटेन में चला.
‘इंडियन सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम’ (आईएनएसएसीओजी) ने हाल में वायरस के इस स्वरूप (डेल्टा, बी.1.617.2) की पहचान की थी. यह स्वरूप दुनिया के नौ अन्य देशों में भी पाया गया है. आईएनएसएसीओजी राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं का एक समूह है जिसे केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने गठित किया है. आईएनएसएसीओजी वायरस के नए स्वरूपों तथा महामारी के साथ उनके संबंधों का पता लगा रहा है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनिया भर में वायरस के कई स्वरूप सामने आने के मद्देनजर उन्हें वीओसी (वेरिएंड ऑफ कंन्सर्न यानी चिंताजनक स्वरूप) और वीओआई (वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट यानी रुचि के स्वरूप) के रूप में वर्गीकरण किया है. बयान के अनुसार, डेल्टा स्वरूप के साथ साथ डेल्टा प्लस समेत डेल्टा वंश के सभी स्वरूपों को वीओसी में रखा गया है.
आईएनएसएसीओजी ने डेल्टा प्लस स्वरूप (बी.1.617.2) + (सार्स-सीओवी2 के) के417एन वंश के विकसित होने की सूचना दी है, जिसे बी.1.617.2.1 / एवाई.1 कहा जाता है. मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘सभी डेल्टा उप-वंशों को वीओसी माना जाता है, हालांकि एवाई.1 के संबंध में अभी जांच की जा रही है. वर्तमान में, भारत में एवाई.1 के मामले कम हैं. एवाई.1 के ज्यादातर मामले यूरोप, एशिया और अमेरिका के नौ देशों में सामने आए हैं.’’
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