नई दिल्ली: पंजाब में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पार्टी नेता नवजोत सिंह सिद्धू के बीच तीखी बयानबाजी दिल्ली तक पहुंच गई. विधायक परगट सिंह और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कुछ अन्य नेताओं ने भी सीएम अमरिंदर के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. सूत्रों के मुताबिक, अब इस कलह को दूर करने के लिए पार्टी राज्य में दो डिप्टी सीएम और नवजोत सिंह सिद्धू को कैंपेन कमेटी प्रमुख बनाने का फॉर्मूला निकाल सकती है. आज अमरिंदर सिंह ने गठित समिति के समक्ष पहुंच कर अपनी बात भी रखी है.
उप मुख्यमंत्री बनाने के फॉर्मुले पर विचार कर रही है कांग्रेस
ऐसी चर्चा है कि सिद्धू को सरकार में बतौर उप मुख्यमंत्री शामिल करने और उनके साथ ही किसी हिंदू दलित को दूसरा उप मुख्यमंत्री बनाने के फार्मूले पर विचार चल रहा है. सूत्रों की मानें, तो मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह आलाकमान को अपने इस रुख से पहले ही अवगत करा चुके हैं कि उप मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सिख को देने से अच्छा संकेत नहीं जाएगा, क्योंकि इस समाज से ही मुख्यमंत्री खुद हैं और हिंदू समुदाय को भी प्रतिनिधित्व देना है. माना जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री के पद के जरिए कांग्रेस आलाकमान राजनीतिक समीकरण के साथ सामाजिक समीकरण को साधने के लिए कदम उठा सकता है.
अमरिंदर ने समिति के समक्ष पहुंचकर रखी अपनी बात
वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस की प्रदेश इकाई में चल रही कलह को दूर करने के मकसद से गठित समिति के समक्ष पहुंच कर अपनी बात रखी. पार्टी सूत्रों ने बताया कि अमरिंदर सिंह के इस कदम के साथ ही समिति की संवाद करने की कवायद पूरी हो गई. अब वह आलाकमान को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता वाली समिति ने पिछले चार दिनों में, कांग्रेस के पंजाब से ताल्लुक रखने वाले 100 से अधिक नेताओं से उनकी राय ली है. इनमें अधिकतर विधायक हैं. खड़गे के अलावा कांग्रेस महासचिव और पंजाब प्रभारी हरीश रावत तथा दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जेपी अग्रवाल इस समिति में शामिल हैं.
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