द कश्मीर फाइल्स देखने के बाद की नारेबाजी, महाराष्ट्र के अमरावती में दो गुटों में मारपीट, 15 युवक गिरफ्तार
महाराष्ट्र के अमरावती शहर में 'द कश्मीर फाइल्स’ फ़िल्म को लेकर 2 गुटों में मारपीट का मामला सामने आया है. पुलिस ने मामला दर्ज कर 15 युवकों को गिरफ्तार किया है.
महाराष्ट्र के अमरावती शहर में 'द कश्मीर फाइल्स’ फ़िल्म को लेकर 2 गुटों में मारपीट का मामला सामने आया है. पुलिस ने मामला दर्ज कर 15 युवकों को गिरफ्तार किया है. फ़िल्म द कश्मीर फाइल्स देखकर लौट रहे एक ग्रुप ने जब सड़क पर जय श्री राम के नारे लगाए तो एक अन्य ग्रुप और फिल्म देखकर आ रहे इस ग्रुप में काफी तीखी बहस हो गई और बहस के बाद दोनों गुटों में मारपीट शुरू हो गई.
मामला अमरावती शहर के लाल पुल इलाके का है. अचलपुर के एक सिनेमा हॉल से फ़िल्म देखकर लौट रहे युवकों के एक ग्रुप ने जब लाल पुल के पास पहुंचकर जय श्री राम का नारा लगाया तो इसी इलाके के आज़ाद नगर में रहने वाले एक अन्य युवकों के ग्रुप ने इसका विरोध किया और बात इतनी बढ़ गई कि दोनों गुटों में मारामारी शुरू हो गई. इस मारामारी में कई युवकों को चोटें आई हैं.
फिल्म द कश्मीर फाइल्स को लेकर विपक्ष की भी तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. एक तरह कई लोग इस फिल्म पर बैन की मांग कर रहे हैं, वहीं लगभग 9 राज्यों में इसे टैक्स फ्री कर दिया गया है. इसी क्रम में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने बीते सोमवार को लोकसभा में कश्मीरी पंडितों के पलायन के खिलाफ आवाज उठाई.
उन्होंने साल 1990 में हुए पलायन पर बीजेपी को घेरते हुए कहा कि जब कश्मीरी पंडित अपना घर छोड़ने पर मजबूर हो रहे थे तब तत्कालीन विपक्ष नेता राजीव गांधी ने तत्कालीन वीपी सिंह सरकार से आग्रह किया था कि वह कश्मीर में हो रहे पंडितों और सिखों पर किए जा रहे "अत्याचारों" को रोकें.
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि साल 1990 में BJP के समर्थन से तत्कालीन प्रधानमंत्री वीपी सिंह की सरकार चल रही थी और उस वक्त जम्मू कश्मीर के तत्कालीन राज्यपाल जगमोहन ने पलायन कर रहे पंडितों और सिखों से कहा था कि ‘हम आपको बचा नहीं सकते, बाहर चले जाइए.’
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