पश्चिम बंगालः कलिम्पोंग के पास रेलवे की निर्माणाधीन टनल में मिट्टी धंसने से दो मजदूरों की मौत, पांच घायल
पश्चिम बंगाल के कलिम्पोंग जिले में गुरुवार रात सेवक-रंगपो रेल लाइन की निर्माणाधीन सुरंग में मिट्टी धंस गई. इससे दो मजदूरों की मौत हो गई और पांच घायल हो गए. घायलों में से दो को उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में रेफर किया गया है और तीन का जिला अस्पताल में इलाज किया जा रहा है. हादसे में मरने वाले दोनों मजदूर झारखंड के रहने वाले थे.
सिलीगुड़ीः पश्चिम बंगाल के भालुखोला में गुरुवार रात सेवक-रंगपो रेल लाइन की निर्माणाधीन सुरंग के अंदर मिट्टी धंसने से दो मजदूरों की मौत हो गई और पांच घायल हो गए. भालुखोला कलिम्पोंग से लगभग 25 किमी दूर है. हादसे में मरने वाले मजदूरों की पहचान साइकू मुर्मू और नरेश सोरेन के रूप में हुई है और वे झारखंड के निवासी थे. वे एक बड़ी ड्रिलिंग मशीन में काम कर रहे थे, तभी चट्टान और मिट्टी नीचे गिर गई.
घायलों में से दो को किया रैफर
पांच घायलों में से सुफल हेम्ब्रम और ठाकुर दास को सिलीगुड़ी के उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में रेफर कर दिया गया. जबकि अन्य तीन घायलों सुकेश्वर सिंह, अशोक सिंह और कुंदन सिंह को हल्की चोट आई हैं और उनका जिला अस्पताल में इलाज किया जा रहा है. इनमें छह मजदूर झारखंड के और एक बिहार का है.
सुरंग के 650 मीटर अंदर थे मजदूर
रेल मंत्रालय के अधीन इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड को इस पूरे प्रोजेक्ट का जिम्मा सौंपा गया है. फर्म के महाप्रबंधक टीटी भूटिया ने कहा कि श्रमिक सुरंग के अंदर 650 मीटर अंदर थे. उन्होंने कहा कि एक 1.5 X 2 मीटर की चट्टान उन पर गिर गई लेकिन सुरंग नहीं ढही है. उन्होंने कहा कि हादसे के पीछे के कारणों का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है
मजदूरों के परिवारों को मुआवजा देने की घोषणा
वहीं, प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने कहा कि बचाव अभियान शुरू करने से पहले अधिकारियों ने आवश्यक एहतियात बरती. मजदूरों पर जब मिट्टी गिरी तब उनके पास भागने का समय नहीं था. उन्होंने कहा कि घटना में मारे गए श्रमिकों के परिवारों को पर्याप्त मुआवजा और सहायता दी जाएगी.
प्रोजेक्ट में बनाई जाएंगी 14 सुरंगे
4,000 करोड़ रुपये की परियोजना का उद्घाटन 2009 में किया गया था, लेकिन पर्यावरण संबंधी चिंताओं सहित विभिन्न मुद्दों के कारण वर्षों से इसमें देरी हुई है. रेलवे के बंगाल को सिक्किम से जोड़ने वाले इस 44.98 किमी लिंक प्रोजेक्ट में से लगभग 86 प्रतिशत हिस्सा 14 सुरंगों से होकर गुजरेगा. प्रत्येक सुरंग आठ मीटर व्यास की होगी.
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