नई दिल्ली: अगर आप कश्मीर की वादियों में घूमने जाने की सोच रहे हैं तो आपके लिए राहत की खबर है. जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के दो महीनों बाद सरकार ने पर्यटकों के घाटी में डाने पर लगी रोक हटा दी है. यानी अब एक बार फिर आप धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की बर्फीली और खूबसूरत वादियों की सैर कर सकेंगे. दो महीने पहले सरकार ने एक एडवायजरी जारी करके पर्यटकों से जल्द से जल्द कश्मीर छोड़कर चले जाने को कहा था. घाटी में हर साल करीब एक करोड़ पर्यटक घूमने जाते हैं.


राज्यपाल मलिक एडवायजरी वापस लेने का निर्देश दिया


बता दें कि जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने 65 दिनों से चली आ रही उस एडवायजरी को वापस लेने का निर्देश दिया है, जिसमें पर्यटकों को घाटी छोड़ने के लिए कहा गया था. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने से तीन दिन पहले यानी दो अगस्त को प्रशासन ने एक एडवायजरी जारी की थी. इसके मुताबिक कश्मीर घाटी में आतंकवादी हमले की आशंका का हवाला देते हुए अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों से जल्द से जल्द कश्मीर छोड़कर चले जाने को कहा था.


गौरतलब है कि पांच अगस्त को केंद्र ने संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने और जम्मू कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने की घोषणा की थी. जम्मू कश्मीर को विशेष अधिकार देनेवाले अनुच्छेद 370 के खंड एक को छोड़कर सभी खंडों को खत्म कर दिया गया है. इसके साथ ही, उसे दो भाग में बांटकर दोनों हिस्से को केन्द्र शासित प्रदेश बनया गया है. जिसके बाद राज्य को मिलनेवाले विशेषाधिकार खत्म हो गए हैं.


क्या था आर्टिकल 370


अनुच्छेद 370 जम्मू-क्शमीर को एक विशेष राज्य का दर्जा देता था. इस अनुच्छेद के चलते ‘जम्मू-कश्मीर का एक अलग संविधान था, झंडा था, उसके नागरिकों को विशेषाधिकार प्राप्त था. आर्टिकल 370 के मुताबिक, भारतीय संसद जम्मू-कश्मीर के मामले में सिर्फ तीन क्षेत्रों-रक्षा, विदेश मामले और संचार के लिए कानून बना सकती थी. इसके अलावा किसी कानून को लागू करवाने के लिए केंद्र सरकार को राज्य सरकार की मंजूरी की जरूरत पड़ती.


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