नोटबंदी के दो महीने पूरे: अब भी नोटों की कमी, 16 मार्च तक खत्म होगी किल्लत
![नोटबंदी के दो महीने पूरे: अब भी नोटों की कमी, 16 मार्च तक खत्म होगी किल्लत Two Months Of Demonetisation Peoples Face Shortage Of Cash नोटबंदी के दो महीने पूरे: अब भी नोटों की कमी, 16 मार्च तक खत्म होगी किल्लत](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2017/01/03065442/bank-atm-2-min.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्ली: नोटबंदी के दो महीने पूरे हो चुके हैं, लेकिन हालात ज्यादा अच्छे नहीं कहे जा सकते. बाज़ार में नोटों की कमी अभी भी बनी हुई है. स्टेट बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक फरवरी में काफी हद तक ये कमी दूर हो जाएगी, लेकिन हालात पूरी तरह सामान्य 16 मार्च तक ही हो पाएंगे. स्टेट बैंक की हर हफ्ते आने वाली रिपोर्ट के आधार पर ये हिसाब लगाया गया है.
आठ नवंबर को जब नोटबंदी की घोषणा हुई तो 15 लाख 44 हज़ार करोड़ रुपए के 500 और 1000 के नोट रद्दी बन गए और 9 नवंबर से ही बाज़ार में नोटों की भारी किल्लत हो गयी. रिर्जव बैंक ने नए नोटों की छपाई में सारी ताकत झोंक दी पर हालात दो महीने बाद भी सामान्य नहीं हो पाए हैं.
नोटों की किल्लत कब तक दूर होगी ?
देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के चीफ इकॉनमिस्ट सौम्य कांति घोष के मुताबिक जिस रफ्तार से रिजर्व बैंक नोटों की छपाई कर रहा है उससे दिसंबर के अंत तक महज 44 फीसदी रद्द नोटों की भरपाई ही हो पायी है. जनवरी के अंत तक ये आंकड़ा करीब 67 फीसदी तक पहुंचेगा और फरवरी के आखिर तक 80 से 89 फीसदी रद्द नोटों की कमी पूरी कर ली जाएगी. यानि फरवरी के खत्म होते-होते बाज़ार में नोटों की जो कमी है. वो काफी हद तक पूरी हो जाएगी.
नोटबंदी के बाद बाज़ार में जो नोटों की कमी हुई, उससे निपटने के लिए सरकार और रिजर्व बैंक की तरफ से अब तक क्या-क्या किया गया ?
नोटबंदी के एलान के दिन यानी 8 नवंबर को 1000-500 के 15 लाख 44 हजार करोड़ रुपये के नोट बंद हुए. उसी दिन बैंक और बाजार में 2 लाख 53 हजार करोड़ के 100-50 के छोटे नोट चलन में थे.
नोटबंदी के बाद नए नोट के आने की रफ्तार क्या हुई.
- 10 नवंबर से 10 दिसंबर तक बैंक ने कुल 4 लाख 61 हजार करोड़ रुपये के नोट बांटे.
- 11 दिसंबर से 30 दिसंबर तक बैंक ने 500 और 2000 के 2 लाख 24 हजार करोड़ नोट बांटे.
- बाजार में 2 लाख 53 हजार करोड़ के 100-50 के छोटे नोट को मिला दिया जाए तो 30 दिसंबर तक बाजार में कुल रकम हो जाती है 9 लाख 38 हजार करोड़ रुपये.
- बैंक रोज 11 हजार करोड़ रुपये बांट रहे है. इस हिसाब से 31 जनवरी तक और 3 लाख 47 हजार करोड़ रुपये और बांटेंगे.
बाजार में आ रहे नोटों की रफ्तार के हिसाब से बताते हैं कि 31 जनवरी तक बाजार में कितना कैश आ जाएगा ?
- 10 नवंबर से 10 दिसंबर तक 4 लाख 61 हजार करोड़ आ गए.
- 11 दिसंबर से 30 दिसंबर तक 2 लाख 24 हजार करोड़ बांटे गए.
- 31 दिसंबर से 31 जनवरी तक रोज 11 हजार करोड़ के हिसाब से 3 लाख 47 हजार करोड़ रुपये बांटे जाने का अनुमान है.
मतलब नोटबंदी के बाद 31 जनवरी तक 10 लाख 32 हजार करोड़ रुपये के नए नोट बाजार में आने का अनुमान है. स्टेट बैंक कह चुका है कि 10 लाख करोड़ बाजार में आते ही हालात सामान्य हो जाएंगे.
16 मार्च तक खत्म होगी कैश की किल्लत
ये 10 लाख 32 हजार करोड़ रुपये बंद हुए 15.44 लाख करोड़ रुपये का 67 फीसदी है. यही रफ्तार बनी रही तो 16 मार्च तक पूरे 15.44 लाख करोड़ रुपये आ जाएंगे. यानि कहा जा सकता है कि नोटबंदी का असर पूरी तरह से 16 मार्च तक ही खत्म हो पाएगा.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)