नई दिल्ली: रेल भवन के दो कर्मचारी कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं. रेलवे मुख्यालय की इस इमारत में दो सप्ताह से कम समय में कोविड-19 के 6 मामले आ चुके हैं. नए मामले सामने आने के बाद रेल भवन को बुधवार तक के लिए बंद कर दिया गया है. तक बंद रहेगा.


सूत्रों ने बताया सोमवार को जो दो नए मामले सामने आए हैं उनमें से एक चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी है जो कि 19 मई तक दफ्तर आया था.  रेल भवन में उसके संपर्क में आए नौ लोगों को घर में पृथक-वास में भेज दिया गया है.


इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का काम फाइलों को एक अधिकारी से दूसरे अधिकारी के पास ले जाने का होता है और इस तरह वह पूरे दिन अनेक लोगों के संपर्क में आता है. ये फाइल रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और यहां तक कि रेल मंत्री के पास भी जा सकती हैं. इस तरह संक्रमण फैलता है.


रविवार को भी सामने आया था मामला 
यह मामला ऐसे समय सामने आया है जब रेलवे की एक वरिष्ठ अधिकारी रविवार को कोरोना वायरस से संक्रमित मिली थीं और यह रेलवे मुख्यालय में एक सप्ताह से कम समय में चौथा मामला था.


संबंधित वरिष्ठ अधिकारी पिछली बार 20 मई को काम पर आई थीं. उनके साथ करीब से काम करनेवाले कम से कम 14 अधिकारियों को घर में पृथक-वास में भेज दिया गया है.


अधिकारियों ने बताया कि नए मामले से पहले 22 मई को रेल भवन में एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी कोरोना वायरस से संक्रमित मिली थीं. यह अधिकारी रेलवे रक्षा बल (आरपीएफ) सेवा के कैडर पुनर्गठन पर काम कर रही थीं. वह पिछली बार 13 मई को काम पर आई थीं और उसी दिन एक कनिष्ठ आरपीएफ अधिकारी के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी.


उन्होंने कहा कि इस रेलवे अधिकारी का निवास दिल्ली स्थित कॉमनवेल्थ गेम्स विलेज अपार्टमेंट में है जहां रेलवे के कई वरिष्ठ अधिकारी रहते हैं. अधिकारियों ने बताया कि उनके साथ करीब से काम करनेवाले संयुक्त सचिव स्तर के एक अधिकारी को 14 दिन के लिए गृह-पृथक-वास में भेजा गया है, जबकि कुछ कनिष्ठ अधिकारियों से खुद को पृथक करने और चार जून को कार्यालय आने को कहा गया है.


सूत्रों ने बताया कि अधिकारी मधुमेह से पीड़ित थीं और उन्होंने कोरोना वायरस से बचाव के लिए जरूरी सभी सावधानियां बरती थीं. हालांकि, उन्हें हल्का बुखार है और घर में निगरानी में हैं.


रेल भवन में चौथी मंजिल स्थित आरपीएफ कार्यालय के कनिष्ठ अधिकारी इमारत में कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने वाले पहले व्यक्ति हैं. उनकी जांच रिपोर्ट 13 मई को आई थी. इसके बाद एक और मामला सामने आया जिसमें इमारत के आसपास से बंदरों को भगाने वाला लंगूर संचालक 14 मई को संक्रमित पाया गया.


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