गुवाहाटी: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के खिलाफ असम में दो और एफआईआर दर्ज किया गया है. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि धर्म के आधार पर कथित तौर पर गड़बड़ी पैदा करने के लिए ये एफआईआर दर्ज किया गया है. 30 जुलाई को एनआरसी के अंतिम मसौदा के प्रकाशन के बाद से असम में ममता के खिलाफ कुल पांच एफआईआर दर्ज किया जा चुका है.


असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के खिलाफ भी कल पश्चिम बंगाल में दो पुलिस शिकायत दर्ज कराई गई. पुलिस ने बताया कि असम में एनआरसी का विरोध करने वाली ममता बनर्जी के पुतले फूंके गए. दिन में पूरे असम में उनके खिलाफ प्रदर्शन भी हुए. पुलिस उपायुक्त (मध्य) रंजन भुइयां ने कहा कि गुवाहाटी और सिलचर में कथित तौर पर धर्म के आधार पर गड़बड़ी पैदा करने के लिए दो एफआईआर दर्ज किया गया.


रंजन भुइयां ने बताया कि असम पब्लिक वर्क्स के ध्रुव ज्योति तालुकदार की शिकायत के आधार पर कल रात गीतानगर थाने में एक एफआईआर दर्ज किया गया और दूसरी एफआईआर कछार के उधारबंद थाने में एक महिला पुलिसकर्मी ने दर्ज कराई जो सिलचर हवाई अड्डे पर टीएमसी सदस्यों के साथ कथित तौर पर हुए धक्का- मुक्की के दौरान जख्मी हो गई थीं.


पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि बनर्जी और तृणमूल की आठ सदस्यीय टीम के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 (बी) के तहत आपराधिक षड्यंत्र रचने, धारा 153 ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, आवास, भाषा के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता बढ़ाने), धारा 298 (किसी व्यक्ति की धार्मिक भावना को आहत करने के इरादे से शब्दों का प्रयोग) की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.


पुलिस अधिकारी ने कहा कि कछार में धारा 144 का उल्लंघन करने के लिए एफआईआर दर्ज की गई. बनर्जी के खिलाफ दो अगस्त को असम के पानबाजार, बशिष्ठ और उत्तर लखीमपुर में भी मामले दर्ज किए गए थे.