पुदुचेरी में अल्पमत में आई कांग्रेस की  नारायणसामी सरकार को आज बहुमत साबित करना है. पुदुचेरी में रविवार को एक और विधायक के इस्तीफे के बाद राजनीतिक संकट अब और ज्यादा गहरा गया है. कांग्रेस की नारायणसामी सरकार अब पूरी तरह अल्पमत में आ चुकी है. क्योंकि आज होने वाले फ्लोर टेस्ट से ठीक पहले रविवार को कांग्रेस के एक और विधायक ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है.


पिछले दिनों चार विधायकों ने इस्तीफा दिया था अब कांग्रेस के एक और विधायक लक्ष्मीनारायण के इस्तीफे के साथ ही कुल संख्या पांच पहुंच गई है. वहीं गठबंधन वाली डीएमके के विधायक ने भी इस्तीफा दे दिया है.  कांग्रेस के विधायक के. लक्ष्मीनारायणन और द्रमुक के विधायक वेंकटेशन के इस्तीफा देने के बाद 33 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस-द्रमुक गठबंधन के विधायकों की संख्या घटकर 11 हो गई है, जबकि विपक्षी दलों के 14 विधायक हैं. लक्ष्मीनारायणन और वेंकटेशन ने विधानसभा अध्यक्ष वी. पी. शिवकोलुंधु को उनके आवास पर अपना इस्तीफा सौंपा.


इस्तीफे के बाद लक्ष्मीनारायणन ने पत्रकारों से कहा, ‘‘नारायणसामी नीत सरकार ने बहुमत खो दिया है.’’ लक्ष्मीनारायणन ने कहा कि उन्होंने पार्टी की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है. वेंकटेशन ने कहा कि उन्होंने केवल विधायक पद से इस्तीफा दिया है और वह द्रमुक का हिस्सा बने रहेंगे.


हाल ही में यहां उपराज्यपाल किरण बेदी को जिम्मेदारी से मुक्त कर तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसई सौंदराजन को पुडुचेरी की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है. नारायणसामी अगर आज बहुमत साबित नहीं कर पाते तो पुडुचेरी में कांग्रेस की सरकार गिर जाएगी और अगर ऐसा हुआ तो यहां राष्ट्रपति शासन लग जाएगा. आने वाले महीनों में यहां विधानसभा चुनाव होने हैं और ऐसे में कांग्रेस कतई नहीं चाहेगी कि यहां विधानसभा चुनाव राष्ट्रपति शासन के तहत हों.