पूंछ-मेंढर सेक्टर में हुई मुठभेड़ में दो और सैनिक शहीद, ऑपरेशन में अब तक नौ जवान वीरगति को प्राप्त
आतंकियों के सर्च ऑपरेशन के लिए बड़ी संख्या में सेना की कई आरआर (राष्ट्रीय राईफल्स) की टुकड़ियों सहित जम्मू कश्मीर पुलिस को अलर्ट पर रखा गया है.
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पूंछ-मेंढर सेक्टर में आतंकियों से हुई मुठभेड़ में दो और सैनिकों वीरगति को प्राप्त हो गए हैं. सेना की जम्मू स्थित 'वाइट-नाइट' (16वीं) कोर ने 14 अक्टूबर को हुए एनकाउंटर के बाद से लापता जेसीओ और एक अन्य सैनिक के शव शनिवार को बरामद करने के बाद दोनों की मौत की घोषणा की. अब कुल मिलाकर इस ऑपरेशन में शहादत प्राप्त करने वाले सैनिकों की संख्या 09 हो गई है. रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक, जिन दो सैनिकों की शहादत हुई है उनकी पहचान सूबेदार अजय सिंह और नायक हरेंद्र सिंह के रूप में हुई है. दोनों ही सैनिक मूल रूप से उत्तराखंड के रहने वाले हैं.
जानकारी के मुताबिक, 14 अक्टूबर की शाम को जिस आतंकियों के ग्रुप से मेंढर के नरकस जंगल में मुठभेड़ हुई थी, उसमें उत्तराखंड के ही दो अन्य सैनिक, विक्रम सिंह नेगी और योगंबर सिंह की मौत हो गई थी. इस मुठभेड़ के बाद से ही सूबेदार अजय सिंह और नायक हरेंद्र सिंह लापता थे और कोई संपर्क नहीं हो पा रहा था. शनिवार की शाम को दोनों के शवों को भी एक लंबे सर्च ऑपरेशन के बाद घने जंगल से ढूंढ निकाला गया.
सेना के मुताबिक, ये काउंटर टेरेरिस्ट ऑपरेशन आतंकियों के उसी दल से चल रहा है जिसके साथ सबसे पहले 11 अक्टूबर को पूंछ के थानामंडी इलाके के जंगलों में हुआ था. उस मुठभेड़ में भारतीय सेना के पांच सैनिकों की शहादत हुई थी. उसके बाद से ही आतंकियों को ये दल पूंछ-सुरनकोट-राजौरी-मेंढर-बालाकोट के जंगलों में मूव कर रहा है. आतंकियों के सर्च ऑपरेशन के लिए बड़ी संख्या में सेना की कई आरआर (राष्ट्रीय राईफल्स) की टुकड़ियों सहित जम्मू कश्मीर पुलिस को अलर्ट पर रखा गया है.
इसके अलावा एलओसी पर तैनात चौकियों को भी चौकान्ना रखा गया है. सेना ने आतंकियों के सर्च के लिए हेलीकॉप्टर की मदद भी ली है. लेकिन ये जंगल इतने घने हैं कि आतंकियों को ढूंढ निकालना भारतीय सेना के लिए चुनौती साबित हो रहा है. हाल के सालों में जम्मू कश्मीर में भारतीय सेना को किसी एक ऑपरेशन में ये सबसे बड़ा नुकसान है. किसी एक ऑपरेशन में भारतीय सेना के नौ (09) जवानों की शहादत हाल फिलहाल में नहीं हुई थी.
जानकारी के मुताबिक, आतंकियों का ये दल पाकिस्तान से एलओसी पर घुसपैठ कर भारतीय सीमा में दाखिल हुआ है. आतंकियों को पाकिस्तानी सेना की स्पेशल फोर्स, एसएसजी यानि स्पेशल सर्विस ग्रुप जैसी ट्रैनिंग मिला हुई लगती है. ये आतंकी दल ठीक वैसा है जैसा कि पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम यानि बैट टीम होती है. पाकिस्तान की बैट टीम में एसएसजी कमांडो और आतंकी दोनों शामिल होते हैं.
आपको बता दें कि वर्ष 2003 में भारतीय सेना ने पूंछ-मेंढर सेक्टर के जंगलों में ऑपरेशन सर्प-विनाश लॉन्च किया था. सेना की लगभग एक पूरी डिवाजन जिसमें करीब 20 हजार सैनिक थे, उन्होनें इन जंगलों से आतंकियों का पूरा सफाया कर दिया था. उसके बात से ही ये पूरा इलाका लगभग शांत था. एलओसी पर पाकिस्तानी सेना का युद्धविराम उल्लंघन या फिर बैट एक्शन की घटनाएं तो सामने आती रहती थीं लेकिन आतंकियों के अंदर आने की घटनाएं लगभग बंद हो गई थी. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि ये या तो आतंकी संगठनों की इस इलाके में फिर से आतंकवाद को जिंदा करने की कोशिश हो सकती है या फिर वे एक साजिश के तहत इन जंगलों में मूव कर रहे हैं ताकि भारतीय सेना को ज्यादा ये ज्यादा नुकसान पहुंचाया जा सके.
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