कोलकाताः पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में दो ऐतिहासिक मस्जिदों नखोड़ा मस्जिद और टीपू सुल्तान मस्जिद महिलाओं के नमाज पढ़ने के लिए खास इंतज़ाम करने जा रहा है. इन दोनों मस्जिदों में महिलाओं के लिए अलग से हॉल होगा, जहां वो नमाज़ अदा कर सकेंगी. इसके अलावा मस्जिद में आने-जाने के लिए अलग से दरवाजा होगा. साथ ही अलग शौचालय की व्यवस्था भी की जाएगी..
बंगाल इमाम एसोसिएशन की लिखित मांग के बाद दोनों मस्जिदों की कमेटियां महिलाओं के लिए अलग से ये सुविधाएं उपलब्ध कराएंगी. नखोड़ा मस्जिद को बादी मस्जिद के नाम से भी जाना जाता है.
क्या कहते हैं मस्जिद के इमाम
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत करते हुए मस्जिद के इमाम शफीक कासमी ने इस बात की पुष्टी की. उन्होंने कहा, ''हमें इस संबंध में पत्र मिला है. प्रबंध समिति महिलाओं के लिए बेहतर व्यवस्था करेगा. कई महिलाएं मस्जिद में नमाज अदा करने आती हैं. महिलाएं एक कोने में बैठकर नमाज अदा करती हैं.''
उन्होंने कहा, ''नखोड़ा मस्जिद में प्रवेश के लिए तीन दरवाजे हैं. इनमें से कोई भी दरवाजा महिलाओं के प्रवेश के लिए आरक्षित नहीं है. अब महिलाओं के लिए एक अलग स्थान पर बैठने, नमाज अदा करने जैसी बाकी सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा.''
व्यवस्था को लेकर बीआईए का बयान
अंग्रेजी अखबार से बातचीत कै दौरान बंगाल इमाम एसोसिएशन (बीआईए) ने कहा, ''हमने देखा है कि महिलाओं के लिए इन दो प्रसिद्ध मस्जिदों में नमाज अदा करने की कोई अलग व्यवस्था नहीं है. महिलाएं मस्जिद में नमाज़ अदा कर सकें, इसलिए शरिया के अनुसार वहां परदे का इंतज़ाम किया जाएगा. विदेशी महिलाएं इन मस्जिदों में जाती हैं, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में यहां प्रार्थना नहीं कर सकती हैं. इसलिए काफी विचार-विमर्श के बाद हमने दोनों मस्जिदों को एक पत्र भेजने का फैसला किया.''
क्या सोचती हैं महिला नमाजी
मस्जिद में महिलाओं के लिए अलग से व्यवस्था को लेकर नमाजी याहिया ने कहा, ''हमलोग खुश हैं कि हमारी मांगे मान ली गईं. महिलाओं के नमाज पढ़ने के लिए अलग से इंतजाम किए गए. नमाज पढ़ने के लिए अलग हॉल मिलने से काफी संख्या में महिला नमाजी यहां पहुंच सकती हैं.''
मस्जिद में महिलाओं के लिए अलग से इंतजाम को लेकर कोलकाता नगर निगम को जानकारी भेज दी गई है. नगर निगम को बताया गया है कि वह इन दोनों मस्जिदों में महिलाओं और दिव्यांगजनों के लिए अलग सुविधा मुहैया करवाए.
कब बनी है मस्जिद
दोनों मस्जिदें काफी पुरानी हैं. टीपू सुल्तान मस्जिद को साल 1842 में प्रिंस गुलाम मोहम्मद ने बनवाया था. प्रिंस गुलाम मोहम्मद टीपू सुल्तान के सबसे छोटे बेटे थे. नखोड़ा मस्जिद बनने की शुरुआत साल 1926 में हुई थी.
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