एक दशक बाद जेल से रिहा हुई दो पाकिस्तानी महिलाएं, बेटी संग मुल्क के लिए रवाना
दरअसल अटारी रेलवे स्टेशन पर कस्टम विभाग ने फातिमा के पर्स से एक किलो हेरोइन बरामद किया था. जिसके बाद फातिमा और मुमताज के खिलाफ कोर्ट में एनडीपीएस एक्ट के तहत चालान पेश किया गया.
नई दिल्ली: पाकिस्तानी नागरिक फातिमा, उनकी बहन मुमताज और 11 साल की बेटी हिना को अमृतसर जेल से रिहा कर दिया गया है. फातिमा, 8 दिसंबर 2006 को समझौता एक्सप्रेस के जरिए भारत अपने रिश्तेदारों को मिलने पहुंची थीं. अटारी रेलवे स्टेशन पर कस्टम विभाग ने फातिमा के पर्स से नशीले पदार्थ बरामद किए थे. जब फातिमा को गिरफ्तार किया गया था तब वह गर्भवती थीं. जेल में ही फातिमा ने एक बेटी को जन्म दिया जिसका नाम हिना रखा.
फातिमा की बेटी हिना अब 11 साल की हो चुकी है. 11 साल बाद हिना ने जब जेल से बाहर कदम रखा तो उसकी आंखों में आंसू आ गए. लगभग साढ़े 11 साल बाद फातिमा अपनी बहन मुमताज़ और अपनी बेटी हिना के साथ अपने वतन पाकिस्तान जाने के लिए रवाना हुईं. दरअसल अटारी रेलवे स्टेशन पर कस्टम विभाग ने फातिमा के पर्स से एक किलो हेरोइन बरामद किया था. जिसके बाद फातिमा और मुमताज के खिलाफ कोर्ट में एनडीपीएस एक्ट के तहत चालान पेश किया गया. तत्कालीन न्यायाधीश एपी बत्र ने 8 दिसंबर 2009 को दोनों को दस-दस साल कैद और दो-दो लाख रुपये जुर्माने की सजा दी. जुर्माना अदा करने के लिए फातिमा और उसकी बहन के पास पैसे नहीं थे.
एडवोकेट नवजोत कौर चब्बा के मुताबिक दोनों पाकिस्तानी महिलाएं नवंबर 2016 को अपनी सजा पूरी कर चुकी थीं, लेकिन उनके पास चार लाख रुपये जुर्माने का भुगतान करने के लिए नहीं थे. जब उन्हें इस बात का पता चला तो उन्होंने समाज सेवी नवतेज गुगु से संपर्क किया और उनकी तरफ से चार लाख रुपये जुर्माने की रकम अदा कर दी गई. अगर वह ऐसा नहीं करतीं तो दोनों को चार साल की और सज़ा भुगतनी पड़ती.
जेल से रिहाई के बाद फातिमा के आंखों में आंसू थे. फातिमा के मुताबिक जेल में साथ की कैदी महिलाएं हिना को बहुत प्यार करती थीं. हिना जेल के पास ही एक स्कूल में पढ़ने जाती थी और वह डॉक्टर बनना चाहती है.