नई दिल्ली: जम्मू से लगी सीमा अखनूर में पाकिस्तान की गोलाबारी में कल उत्तर प्रदेश के दो जवानों ने अपने प्राणों की शहादत दे दी. देवरिया के सत्यनारायण यादव और फतेहपुर के बीएसएफ जवान विजय पांडे देश के लिए कुर्बान हो गए. आज इनके पार्थिव शरीर इनके घर लाए जाएंगे. शहीदों के परिवार पाकिस्तान से बदले की मांग कर रहे हैं.
तीन महीने पहले ही घर आए थे शहीद सत्यनारायण यादव
पाकिस्तान की फायरिंग में शहीद हुए बीएसएफ कांस्टेबल सत्यनारायण यादव तीन महीने पहले ही छुट्टी में अपने घर आए थे. अब उनकी शहादत के बाद देवरिया के गांव बैदा बासपार के लोगों को गर्व है, लेकिन अपने बेटे को गंवा देने वाले परिवार को कभी ना भूलने वाला दर्द मिला है.
गांववालों का आरोप- सरकार में मौजूद कोई नेता नहीं आया
शहीद सत्यनारायण अपने पीछे पत्नी तीन बेटे एक बेटी और बुजुर्ग पिता को छोड़ गए हैं. सत्यनारायण यादव का बेटा राजेश अभी हाईस्कूल में पढ़ता है. पूरा गांव शहीद सत्यनारायण यादव के परिवारवालों के साथ है. गांववालों का आरोप है कि ना तो जिला प्रसाशन और ना ही सरकार में मौजूद कोई नेता गांव आया है.
शहीद विजय की इसी महीने थी शादी
वहीं, यूपी के ही फतेहपुर के रहने वाले विजय पांडे की शहादत की खबर जब घर पहुंची तो कोहराम मच गया. विजय की शादी होने वाली थी, वो पांच जून को ही घर लौटने वाले थे. फतेहपुर के सठिगंवा गांव के रहने वाले विजय पांडे की तैनाती अखनूर में थी,जहां वो पाकिस्तानी गोलीबारी में शहीद हो गए.
गांव में पसरा मातम
विजय के शहादत की खबर से पूरे गांव में मातम पसरा है. पांच दिन पहले ही पाकिस्तान गिड़गिड़ाता हुआ सीजफायर की मांग कर रहा था, लेकिन अखनूर में जो वादाखिलाफी उसने की है, उसकी कीमत तो उसे चुकानी ही होगी और यही मांग शहीद जवानों के परिवारवालों की जुबान पर है.