(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
IIT मुंबई के दो छात्रों ने क्लासरूम जैसा माहौल देने के लिए तैयार किया 'WISE एप', 2G पर भी करता है काम
मुबीन के अनुसार उनकी एप में जहां एक तरफ से शिक्षक अपना स्क्रीन ब्लैकबोर्ड की तरह इस्तेमाल करते हैं, तो उस विंडो में बच्चे कमेंट कर चर्चा में शामिल हो सकते हैं और अपना असाइनमेंट डाउनलोड और अपलोड भी कर सकते हैं.
श्रीनगर: कोरोना काल में सबसे ज्यादा अगर कोई क्षेत्र प्रभावित हुआ है तो वह है बच्चों की शिक्षा. पिछले 6 महीनों से स्कूल कॉलेज बंद होने के कारण बच्चों की पढ़ाई बहुत प्रभावित हुई है, तो ऑनलाइन क्लास का चलन शुरू हुआ, लेकिन इसमें बच्चों और शिक्षकों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा और जम्मू कश्मीर में यह समस्या हाई स्पीड 4G इन्टरनेट पर लगे प्रतिबंध ने और बढ़ा दी.
इन्हीं समस्याओं को दूर करने के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलोजी, मुंबई के दो छात्रों, जम्मू कश्मीर के मुबीन मसूदी और लखनऊ के बिलाल आबिदी ने मिलकर कुछ समाधान निकालने की सोची और उनकी यह सोच एक एप की सूरत में सामने आया, जिसका नाम रखा गया वाइज़ (WISE).
एप को बनाने के पीछे के कारणों के बारे में मुबीन का कहना है कि दुनिया में इस समय भी कई एप मौजूद हैं, जिनकी मदद से लोग एक दूसरे से बात करते हैं या फिर मीटिंग करते हैं, लेकिन इन एप को क्लास रूम के लिए इस्तेमाल करना मुश्किल है और आईटी में कम योग्यता रखने वाले शिक्षकों के लिए यह बड़ी समस्या थी.
इसीलिए उनके दिमाग में WISE एप के लिए एक बेसिक प्लेटफॉर्म का फार्मूला था कि एप सरल और सुरक्षित हो और बिल्कुल क्लासरूम जैसा माहौल दे. एप में उन्होंने इसका ख्याल रखा.
मुबीन के अनुसार उनकी एप में जहां एक तरफ से शिक्षक अपना स्क्रीन ब्लैकबोर्ड की तरह इस्तेमाल करते हैं, तो उस विंडो में बच्चे कमेंट कर चर्चा में शामिल हो सकते हैं और अपना असाइनमेंट डाउनलोड और अपलोड भी कर सकते हैं. मतलब ना तो आपको अपना मोबाइल फ़ोन नंबर देना है और ना ही कोई और निजी जानकारी. सबसे अच्छी बात यह है कि क्लास ख़त्म होने के बाद एप खुद क्लास में शामिल बच्चों की अटेंडेंस रिपोर्ट जारी कर यह भी बता देता है कि कितने बच्चे क्लास में आए और कितनी देर तक शामिल रहे. यह एप लो स्पीड इंटरनेट पर भी काम करता है, जैसे जम्मू-कश्मीर में प्रतिबंध के कारण अभी सिर्फ 2G इन्टरनेट ही चल सकता है.
देशभर में शिक्षकों को यह एप बहुत ज्यादा पसंद आया है और जम्मू कश्मीर से ज्यादा बाकी देश में इस एप को इस्तेमाल करने वाले शिक्षक हैं. मुबीन के अनुसार अभी तक उनकी एप तीन हज़ार से ज्यादा शिक्षक इस्तेमाल कर रहे हैं और इनमें से दो हज़ार से ज्यादा जम्मू-कश्मीर से बाहर के प्रदेशों में हैं.
श्रीनगर के रहने वाले शाकिर रशीद इंस्टिट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया ( INSTITUTE OF COST ACCOUNTANTS OF INDIA ) के श्रीनगर चैप्टर में इकनॉमिक्स और मैनेजमेंट पढ़ाते हैं. उनके छात्र कश्मीर घाटी के सभी दस जिलों में फैले हैं और 2G इंटरनेट के चलते पहले बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता था, लेकिन WISE एप के आने के बाद उनके लिए सब काम आसान हो गया है और बच्चे भी अच्छे से ऑनलाइन क्लास में शामिल हो रहे हैं.
एप की लोकप्रियता और सहजता को केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल और शिक्षा विभाग ने भी सराहा है. ट्वीट के ज़रिए उन्होंने इस एप की तारीफ की है. देश में इस समय कोरोना काल में बने 74 आत्मनिर्भर एप में से WISE भी एक एप है.
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