Terrorists Killed In Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा से लगी नियंत्रण रेखा (LoC) के पास भारतीय सेना और पुलिस के साझा ऑपरेशन में दो आतंकियों को मार गिराया गया है. कश्मीर जोन पुलिस ने ट्वीट कर यह जानकारी दी.


पुलिस के मुताबिक, कुपवाड़ा जिले के डोबनार मचल इलाके में पड़ने वाली नियंत्रण रेखा के पास अभियान में आतंकी मारे गए. पुलिस के मुताबिक, तलाशी अभियान अब भी जारी है. मारे गए आतंकियों की पहचान नहीं हो सकी है. आशंका जताई जा रही है कि हो सकता है कि आतंकियों ने हाल ही में घुसपैठ की हो.



लश्कर से जुड़े आतंकी सहयोगी को दबोचा


इससे पहले बांदीपोरा पुलिस ने 13 राष्ट्रीय राइफल्स और 45 बीएम सीआरपीएफ के साथ एक ज्वाइंट ऑपरेशन में बहाराबाद हाजिन इलाके से लश्कर के तैयबा के एक आतंकवादी सहयोगी को गिरफ्तार किया. उसके पास से दो चीनी हैंड ग्रेनेड बरामद हुए हैं. मामला आर्म्स एक्ट और यूएपीए एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मंगलवार (13 जून) को यह जानकारी दी.






नियंत्रण रेखा के पार बैठे लोग साजिश रचने में व्यस्त


इससे पहले रविवार (11 जून) को  श्रीनगर स्थित 15वीं कोर या चिनार कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (GOC) लेफ्टिनेंट जनरल अमरदीप सिंह औजला ने कहा कि सुरक्षा बलों को सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि नियंत्रण रेखा के पार बैठे लोग मौजूदा शांतिपूर्ण हालात को बिगाड़ने की साजिश रचने में व्यस्त हैं.


लेफ्टिनेंट जनरल औजला ने बताया, ‘‘आज का खतरा, जैसा कि मैं इसे देखता हूं, संदेश, मादक पदार्थ या कभी-कभी हथियार ले जाने में महिलाओं, लड़कियों और किशोरों को शामिल करना है. अब तक सेना ने कुछ मामलों का पता लगाया है जो एक उभरती हुई प्रवृत्ति को उजागर करता है.’’ 


उन्होंने कहा, ‘‘यह अपने आप में एक खतरनाक प्रवृति है जिसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) और तंजीम (आतंकवादी समूहों) के प्रमुखों ने अपनाया है. हम अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर इससे निपटने पर काम कर रहे हैं.’’ 


'इसलिए अब महिलाओं, लड़कियों और किशोरों का हो रहा इस्तेमाल'


यह पूछे जाने पर कि क्या इसका मतलब यह है कि आतंकवादी समूहों ने मोबाइल संचार का इस्तेमाल करना बंद कर दिया है, सैन्य अधिकारी ने कहा कि तकनीकी खुफिया स्तर पर सबूत काफी कम हो गए हैं. साथ ही आतंकियों के संदेशवाहक के रूप में काम कर चुके कई लोगों को पकड़ा गया है. सैन्य अधिकारी ने कहा, ‘‘इसलिए, अब महिलाओं, लड़कियों और किशोरों को मुख्य रूप से संदेश ले जाने के विकल्प के रूप में शामिल किया गया है.’’ 


'दुश्मन के किसी भी नापाक मंसूबे को विफल करने के लिए तैयार'


कट्टरपंथ से निजात दिलाने की रणनीति के तहत सेना ने केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन के सहयोग से कई पहल की हैं जिनमें से एक ‘सही रास्ता’ कार्यक्रम है जो हाल के दिनों में महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है. उन्होंने कहा, ‘‘हम कश्मीर में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए एक लंबा सफर तय कर चुके हैं, लेकिन मैं अभी जीत का दावा करने से परहेज करूंगा क्योंकि हमें लगता है कि केंद्र शासित प्रदेश में स्थायी शांति हासिल करने से पहले हर लाभ को पुख्ता करने की जरूरत है.’’ 


पाकिस्तान का नाम लिए बिना लेफ्टिनेंट जनरल औजला ने कहा कि चुनौती यह है कि पड़ोसी देश ने अपने इरादे नहीं त्यागे हैं और बार-बार पीर पंजाल के दोनों ओर परेशानी पैदा कर रहा है. उत्तरी कश्मीर के माछिल सेक्टर में घुसपैठ की हालिया कोशिश उसकी संलिप्तता का प्रमाण है. उन्होंने जोर दिया कि केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन की एजेंसियों समेत सभी सुरक्षा एजेंसियां दुश्मन के किसी भी नापाक मंसूबे को विफल करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.


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