महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयुक्त यू पी एस मदन ने सरपंच और ग्राम पंचायत सदस्यों के पदों की नीलामी के आरोपों के बाद नासिक जिले के उमरेन गांव और नंदुरबार जिले के खोंडामाली गांव में चुनाव रद्द करने का आदेश दिया है.मुंबई में राज्य चुनाव आयोग के कार्यालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में मदन द्वारा दोनों गांवों में मतदान रद्द करने की घोषणा की गई.


सीटों की नीलामी के बारे में मिली थी मीडिया रिपोर्ट्स  


महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयुक्त यू पी एस मदन के बयान का हवाला देते हुए, प्रेस रिलीज में लिखा गया है, “सरपंच (मुखिया) और उमरेन और खोंडामाली की ग्राम पंचायत के सदस्यों की सीटों की नीलामी के बारे में मीडिया रिपोर्टें थीं.तहसीलदार, उप-विभागीय अधिकारी, चुनाव पर्यवेक्षक और कलेक्टरों से रिपोर्ट मांगी गई थी, और शिकायतों, रिपोर्टों और ऑडियो-विज़ुअल मीडिया रिपोर्टों के सत्यापन के बाद, इस प्रक्रिया को रद्द करने का निर्णय लिया गया.” उन्होंने दोनों जिलों के कलेक्टरों को भी शामिल व्यक्तियों के खिलाफ मामले दर्ज करने और आयोग के समक्ष रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया है.


दबाव की वजह से मौलिक अधिकार का हो रहा हनन


निर्वाचन आयोग ने पाया था, कि केवल ग्रामीणों के एक वर्ग के दबाव की वजह से, चुनाव लड़ने के इच्छुक लोग अवसर से वंचित थे और साथ ही, मतदाता अपनी पसंद के व्यक्ति के पक्ष में अपना वोट डालने से वंचित थे. इसने लोकतंत्र की बुनियादी बातों और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया. 


पद की बोली लगाए जाने की वीडियो सोशल मीडिया पर हुई थी वायरल


गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में कथित तौर पर एक फेमस प्याज बाजार में उमराने के सरपंच पद के लिए बोली लगाई जा रही थी. ये घटना 27 दिसंबर की है. पोस्ट के लिए बोली 1.1 करोड़ रुपये से शुरू हुई थी और अंतिम बोली लगाने वाले ने 2 करोड़ से अधिक की पेशकश की थी. वीडियो वायरल होने के बाद, नासिक कलेक्टर सूरज मंधारे ने एक रिपोर्ट मागी थी, जिसे राज्य निर्वाचन आयोग को सौंपा गया था.


खोंडामाली का भी वीडियो हुआ था वायरल


इसी तरह का एक वीडियो खोंडामाली का भी वायरल हुआ था.  इस मामले में भी सरपंच पद की नीलामी हो रही थी. विजेता बोली 42 लाख रुपये की थी - जिसे मंदिर के निर्माण के लिए दिया जाना था. इस मामले में भी नंदुरबार के कलेक्टर राजेंद्र भारूद ने जांच रिपोर्ट राज्य निर्वाचन आयोग को भेजी थी.


वहीं नासिक के डिप्टी कलेक्टर नितिन गवांडे, जो नासिक जिले में पंचायत समिति, पंचायत समिति और ग्राम पंचायत चुनावों के समन्वयक हैं, ने आदेशों की पुष्टि करते हुए बताया है कि, “पूरी चुनाव प्रक्रिया रद्द कर दी गई है. एक अलग कार्यक्रम की घोषणा आयोग द्वारा बाद में की जाएगी.”


ये भी पढ़ें


कोरोना वैक्सीन की ड्यूटी में शामिल नहीं होंगे दिल्ली के 4000 टीचर्स, वेतन न मिलने के कारण किया बहिष्कार


कांग्रेस का दावा- 'हरियाणा में खतरे में है खट्टर सरकार, हमारे संपर्क में हैं BJP-JJP के कई विधायक'