Trademark Violation Case: व्हिस्की ब्रांड के ट्रेडमार्क के कथित उल्लंघन पर जारी कानूनी लड़ाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में उस समय एक असामान्य नजारा देखने को मिला, जब कोर्ट के सामने शराब की बोतलें रखी गईं. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के नवंबर 2023 के एक फैसले के खिलाफ शराब निर्माता कंपनी पेरनोड रिकर्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
ट्रेडमार्क उल्लंघन का मामला
पेरनोड रिकर्ड ने इंदौर की एक अदालत की ओर से पारित उस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसने कथित ट्रेडमार्क उल्लंघन मामले में अन्य कंपनी के खिलाफ अस्थायी रोक जारी करने के आवेदन को खारिज कर दिया था.
कंपनी ने एक अन्य कंपनी पर अपने ट्रेडमार्क के उपयोग का आरोप लगाया था. पेरनोड रिकर्ड ने आरोप लगाया है कि जेके एंटरप्राइजेज ने उनके ट्रेडमार्क की नकल की है और ट्रेडमार्क लंदन प्राइड के तहत अपनी व्हिस्की का निर्माण और बिक्री कर रही है.
हाईकोर्ट ने पेरनोड रिकर्ड की याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि निचली अदालत ने यह मानने में कोई गलती नहीं की है कि जेके एंटरप्राइजेज के ट्रेडमार्क में याचिकाकर्ता कंपनी के ट्रेडमार्क से कोई समानता नहीं पाई गई. यह मामला शुक्रवार (6 जनवरी) को सुप्रीम कोर्ट पहुंचा.
कोर्ट के अंदर व्हिस्की की बोतलें
सुनवाई के दौरान पेरनोड रिकर्ड की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने पीठ से अनुरोध किया कि उन्हें अदालत के अंदर व्हिस्की की बोतलें लाने की अनुमति दी जाए. इसके बाद वरिष्ठ वकील शराब की दो बोतलें अपनी मेज पर रखने के लिए आगे बढ़े, जहां वह बहस कर रहे थे. उन्होंने पीठ को बताया कि बोतल भी एक जैसी है. पीठ ने अपने आदेश में कहा कि रोक लगाने के अनुरोध पर नोटिस जारी किया जाए. इस मामले की अगली सुनवाई 19 जनवरी को होगी.
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