बदलेगा ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती यूनिवर्सिटी का नाम, उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रस्ताव किया पास
उत्तर प्रदेश सरकार ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती यूनिवर्सिटी के नाम में बदलाव करने जा रही है. अब यूनिवर्सिटी के आगे उर्दू, अरबी-फारसी यूनिवर्सिटी की जगह भाषा विश्वविद्यालय लिखा जाएगा. इस सिलसिले में योगी कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी गयी है.
लखनऊ: सूफी ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के नाम से जानी जानेवाली यूनिवर्सिटी का नाम बदलने वाला है. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने नाम में बदलाव के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. प्रस्ताव के मुताबिक ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती उर्दू अरबी-फारसी यूनिवर्सिटी का नया नाम अब ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय होगा.
राज्य सरकार ने कानून में किया संशोधन
योगी कैबिनेट ने नाम बदलने का फैसला गवर्नर आनंदी बेन के सुझाव पर लिया. उन्होंने इस सिलसिले में पिछले साल राज्य सरकार से विचार करने को कहा था. जिसके बाद कैबिनेट ने राज्य विश्वविद्यालय कानून -1973 में संशोधन किया. नाम बदलने के फैसले के पीछे राज्य सरकार का तर्क है कि ऐसा करने से छात्रों के लिए रोजगार सृजन का विस्तार होगा.
राज्य सरकार ने रोजगार सृजन की बताई मंशा
राज्य सरकार का मानना है कि उर्दू, अरबी, फारसी के अलावा फ्रेंच, जर्मन और जापानी भाषा में रोजगार के ज्यादा अवसर हैं. इसलिए यूनिवर्सिटी के नाम में मामूली बदलाव करने का फैसला लिया गया है. सरकार का तर्क है कि राज्य में भाषा की पढ़ाई कर रहे छात्रों को इस क्षेत्र में रोजगार मिलेगा. फ्रेंच, जर्मन और जापानी विदेशी भाषा होने के चलते रोजगार के द्वार ज्यादा खोलते हैं. साथ ही राज्य में एक भाषा विश्विद्यालय की जरूरत महसूस की जा रही थी. इसलिए नाम में मामूली बदलाव करने से इसकी पहचान अंतरराष्ट्रीय हो जाएगी. जिसमें कई भाषाओं की शिक्षा दी जाएगी.