Desert Cyclone 2024: संयुक्‍त अरब अमीरात (यूएई) और भारतीय सेना के बीच शाहजहां युद्ध अभ्यास होने जा रहा है. इसके लिए यूएई की सेना राजस्‍थान के मरुस्थल में पहुंच चुकी है. इस युद्ध अभ्यास को "डेजर्ट साइक्लोन" नाम दिया गया है. 2 जनवरी से यह युद्ध अभ्यास शुरू होगा जो 15 जनवरी तक चलने वाला है.


इसके लिए भारतीय सेना की टुकड़ी भी राजस्थान के मरुस्थल में पहुंच गई है. वहीं डेजर्ट साइक्लोन 2024’ भारत और यूएई की सेना के बीच शुरू होने वाला संयुक्‍त युद्ध अभ्‍यास थार के मरुस्थल में किया जाएगा. इसकी सारी तैयारियां पूरी हो गई है. इस मिलिटरी एक्सरसाइज पर पूरी दुनिया की नजरें टिक गई हैं.


दोनों देशों के सामरिक रिश्ते होंगे मजबूत
भारतीय सेना के अतिरिक्त जन सूचना महानिदेशालय (एडीजीपीआई) द्वारा साझा की गई सूचना के अनुसार, दोनों देशों के बीच होने वाला संयुक्‍त युद्धाभ्‍यास करीब दो सप्‍ताह तक चलेगा.  डेजर्ट साइक्‍लोन का उद्देश्‍य अबर्न ऑपरेशन की बेस्‍ट प्रैक्टिस और  इंटरऑपरेशनबिलिटी को बेहतर करना है. इससे दोनों देशों के सामरिक रिश्तो को और मजबूती मिलेगी.


डीजीपीआई के अनुसार, भारत और संयुक्त अरब अमीरात के सैकड़ो साल पुराने दोस्ताना रिश्ते हैं. दोनों ही देश अच्‍छे धार्मिक और आर्थिक संबंध में रहे हैं. यह युद्धाभ्‍यास दोनों सेनाओं के बीच रणनीतिकि और सैद्धांतिक जानकारी साझाा करने का प्रयास है. इससे दोनों ही सेनाओ को दोनों से सीखने को मिलेगा.


नेवी भी कर चुकी है युद्ध अभ्यास
 इससे पूर्व अगस्‍त में दोनों सेना की नौसेना एक संयुक्‍त युद्धाभ्‍यास कर चुकी है. इस युद्धाभ्‍यास में भारतीय नौसेना के आईएनएस विशाखापट्नम और आईएनएस त्रिखंड ने हिस्‍सा लिया था. खास बात ये है कि मिडिल ईस्ट में इजरायल और हमास के लड़ाकों के बीच गाजा पट्टी में चल रही जंग के बीच भारत-यूएई की सेना की मिलट्री एक्सरसाइज चर्चा में है.

इंडियन आर्मी के सूत्रों ने बताया है कि जमीनी लड़ाई में दोनों देशों के सैनिक अपने युद्ध क्षमताओं का प्रदर्शन करेंगे और बेहतर स्किल साझा करेंगे. इससे सामरिक क्षेत्र में परस्पर सहयोग की भावना को और बढ़ावा मिलेगा.


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