यूएई के मंत्री उमर सुल्तान ने जयशंकर की तारीफों के बांधे पुल, बोले- मैं उनसे बहुत प्रभावित हूं
S Jaishankar Praises By UAE Minister: उमर सुल्तान अल ओलमा ने दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान जयशंकर की प्रशंसा की. ये पहला मौका नहीं है, जब किसी अन्य देश के नेता ने जयशंकर की तारीफ की हो.
UAE Minister Praises Jaishankar: संयुक्त अरब अमीरात के मंत्री आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मंत्री उमर सुल्तान अल ओलमा (Omar Sultan Al Olama) ने भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर (S Jaishankar) की सराहना की है. उन्होंने जयशंकर की तारीफ करते हुए कहा है कि भू-राजनीतिक रस्साकशी के बीच वो भारत की विदेश नीति को जिस तरह से विश्व मंच पर रखते हैं, उससे वो बेहद प्रभावित हैं.
उमर सुल्तान अल ओलामा ने दिल्ली स्थित एक थिंक टैंक में एक सम्मेलन के दौरान जयशंकर की प्रशंसा की. वे वर्चुअल तरीके से इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे. उमर सुल्तान अल ओलामा ने एक सवाल के जवाब में कहा, ''ऐतिहासिक रूप से, दुनिया एकध्रुवीय, द्विध्रुवी या त्रिध्रुवीय थी, जहां आपको पक्ष चुनना था. मैं आपके विदेश मामलों के मंत्री से बहुत प्रभावित हूं. मैं उनके कुछ भाषण देखता हूं. संयुक्त अरब अमीरात और भारत दोनों के लिए एक बात बहुत स्पष्ट है. यह है कि हमें पक्ष चुनने की आवश्यकता नहीं है.''
दुनिया पर हावी होने का समय
ओलामा ने अपने वीडियो इंटरेक्शन में कहा, "आज दुनिया पर हावी होने का तरीका वाणिज्य के जरिए से है. अगर भारत और यूएई जैसे देश एक साथ काम कर सकते हैं, तो हम दुनिया में अपने पदचिह्न को काफी हद तक बढ़ा सकते हैं." ओलामा ने कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच गहरी जड़ें हैं और सहयोग के लिए कई संभावित क्षेत्र हैं, खासकर दोनों देशों में स्टार्टअप के बीच सहयोग में.
संयुक्त अरब अमीरात के मंत्री ने CyFY2022 नामक कार्यक्रम में वर्चुअल तरीके से बोलते हुए यह टिप्पणी की. ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) द्वारा यहां राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में टेक्नोलॉजी, सुरक्षा और समाज पर चर्चा के लिए आयोजित तीन दिवसीय सम्मेलन बुधवार को शुरू हुआ है.
भारत, यूएई और अमेरिका साथ काम कर सकते हैं
उन्होंने कहा, "अंत में, भू-राजनीति कुछ पार्टियों के सर्वोत्तम हित से निर्धारित होती है. आज देश को अपने सर्वोत्तम हितों के बारे में सोचने की जरूरत है." उन्होंने कहा कि अगर यूएई भारत के साथ काम करता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह अमेरिका के साथ काम नहीं कर सकता. हम तीनों एक साथ काम कर सकते हैं. I2U2 (भारत-इज़राइल-यूएई-अमेरिका) समूह इसका उदाहरण है.
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