UCC In India: एक घर दो कानूनों से नहीं चल सकता है, पीएम मोदी के मंगलवार (27 जून) को मध्य प्रदेश के भोपाल में मेरा बूथ-सबसे मजबूत कार्यक्रम में दिया गया यह बयान समान नागरिक संहिता को लेकर स्पष्ट संदेश के तौर पर देखा गया. पीएम के इस बयान पर एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी की आपत्ति के बाद बीजेपी नेता गौरव भाटिया ने उन पर जुबानी हमला बोलते हुए कुरान से पहले संविधान पढ़ने की नसीहत दे डाली. 


दरअसल पीएम मोदी के बयान के समान नागरिक संहिता को लेकर दिए गए बयान के बाद ओवैसी ने कहा था कि प्रधानमंत्री इस सिविल कोड के जरिए हिंदू सिविल कोड की बात कर रहे हैं, जिससे वह पूरे इस्लामिक प्रैक्टिस को गैर-कानूनी बता सकें और उन पर रोकथाम लगा सकें. ओवैसी ने पीएम मोदी से पूछा क्या आप इस देश में प्लुरलिज्म और डायवर्सिटी को खत्म करने का प्रयास कर रहे हैं. 


'ओवैसी को संविधान समझ में नहीं आता'
असदुद्दीन ओवैसी के इस बयान के बाद बीजेपी नेता और वकील गौरव भाटिया ने एक टीवी डिबेट में कहा, ओवैसी को संविधान इसलिए समझ नहीं आता है क्योंकि वह संविधान से पहले कुरान पढ़ते हैं. उन्होंने कहा, अगर ओवैसी की कानून की डिग्री फर्जी नहीं है तो उनको सबसे पहले विधि आयोग को यूसीसी पर 15 जुलाई से पहले लिखित सुझाव भेजना चाहिए. 


विपक्ष ने किया विरोध
पीएम मोदी के समान नागरिक सहिंता को लेकर दिए गये बयान के बाद कांग्रेस, आरजेडी ने उनकी आलोचना की. विपक्षी दलों ने पीएम मोदी पर भारत के सेक्युलरिज्म को नुकसान पहुंचाने को आरोप लगाया. कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी कुछ भी कह सकते हैं, लेकिन उन्हें महंगाई, बेरोजगारी और मणिपुर के मुद्दों पर जवाब देना चाहिए. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सवाल किया कि यदि यह लागू हुआ, तब आदिवासियों की संस्कृति और परंपराओं का क्या होगा?


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