UCC Issue: समान नागरिक संहिता को लेकर लॉ कमीशन ने धार्मिक संगठनों और लोगों से विचार मांगे हैं. एक तरफ यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्ष पर निशाना साध रहे हैं तो दूसरी तरफ कांग्रेस, टीएमसी और सपा सहित कई विपक्षी पार्टियां इसे लोकसभा चुनाव से जोड़ रही है.


इसी बीच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के प्रतिनिधिमंडल ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से बुधवार (5 जुलाई) को मुलाकात की. एआईएमपीएलबी ने यूसीसी को संविधान विरोधी बताते हुए खरगे से इस पर रुख साफ करने की अपील की. एबीपी न्यूज को सूत्रों ने बताया कि इस पर खरगे ने कहा कि हमारी पार्टी मामले पर नजर बनाई हुई है. यूसीसी का ड्राफ्ट सामने आने के बाद ही कांग्रेस अपना अगल कदन तय करेगी. 


लॉ कमीशन को क्या सलाह दी 
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक बोर्ड ने यूसीसी पर अपनी आपत्ति संबंधी दस्तावेज विधि आयोग को भेज चुका है.  विधि आयोग के यूसीसी पर विभिन्न पक्षकारों और हितधारकों को अपनी आपत्तियां दाखिल करने के लिए 14 जुलाई के वक्त को बोर्ड ने  छह महीने तक बढ़ाने की गुजारिश की थी.


बोर्ड ने यूसीसी को लेकर लॉ कमीशन से कहा कि उनका जारी किया गया नोटिस अस्पष्ट और बेहद साधारण सा है. कमीशन इससे पहले भी यूसीसी को लेकर जनमत ले चुका है. उस वक्त वह इसी निष्कर्ष पर पहुंचा था कि यूसीसी आवश्यक नहीं है. ऐसे में आयोग ने अपनी मंशा का कोई ब्लूप्रिंट सामने रखे बगैर फिर से इस पर जनमत मांगा है, जिसका औचित्य नहीं है. 


कांग्रेस ने क्या कहा था?
कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने 15 जून को कहा था कि लॉ कमीशन को यह  याद रखना चाहिए कि देश के हित बीजेपी की राजनीतिक इच्छा से अलग है. उन्होंने कहा कि इसका कोई कारण नहीं मिल रहा कि कमीशन यूसीसी पर अब क्यों विचार कर रहा है.


जयराम रमेश ने दावा किया कि केंद्र सरकार अपनी विफलताओं से ध्यान भटकाने और ध्रुवीकरण के अपने एजेंडे को वैधानिक रुप देने के लिए यूसीसी का मामला उठा रहा है. 


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