मायावती ने UCC पर दिया समर्थन, क्या बीजेपी की 'राजनीति' का भी दिया साथ? पढ़ें प्रेस कॉन्फ्रेंस की 10 बड़ी बातें
Mayawati On Uniform Civil Code: यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) पर एक तरफ कई विपक्षी पार्टियां विरोध कर रही हैं तो कई पार्टियों ने समर्थन किया है. बीएसपी मुखिया मायावती ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है.
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Mayawati Support UCC: समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर देश में पिछले काफी दिनों एक बहस छिड़ी हुई है. धीरे-धीरे इस मसले पर राजनीतिक दलों के विचार सामने आने लगे हैं. इसी क्रम में बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की चीफ मायावती ने रविवार (02 जुलाई) को यूनिफॉर्म सिविल कोड पर अपना समर्थन दिया है. लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी यूसीसी का विरोध नहीं करती है.
वहीं, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की ‘राजनीति’ को लेकर उन्होंने बीजेपी की आलोचना भी की. बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने के खिलाफ नहीं है, उनका मानना है कि इससे "सांप्रदायिक सद्भाव पैदा होगा."
मायावती की प्रेस कॉन्फ्रेंस की 10 बड़ी बातें
1. उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारी पार्टी (बसपा) यूसीसी के कार्यान्वयन के खिलाफ नहीं है, लेकिन जिस तरह से बीजेपी देश में समान नागरिक संहिता को लागू करने की कोशिश कर रही है, हम उसका समर्थन नहीं करते हैं. इस मुद्दे का राजनीतिकरण करना और जबरदस्ती यूसीसी को देश में लागू करना ठीक नहीं है.”
2. मायावती आगे कहती हैं, “यूसीसी देश को कमजोर नहीं करेगा बल्कि देश को मजबूत करेगा और इससे सांप्रदायिक सद्भाव भी बढ़ेगा…लेकिन देश में विभिन्न धर्मों पर आस्था रखने वाले लोग रहते हैं. उनकी अलग-अलग प्रथाएं और रीति-रिवाज हैं और इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए.”
3. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यूसीसी को जबरन लागू नहीं किया जाना चाहिए और इस मामले पर आम सहमति होनी चाहिए. मायावती ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी जनता का ध्यान विवादास्पद मुद्दों और उनके सामने आने वाली समस्याओं से हटाने के लिए इस मुद्दे को उछाल रही है.
4. बीएसपी चीफ ने कहा, “यूसीसी पर राजनीति नहीं होनी चाहिए...संविधान के अनुच्छेद 44 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि राज्य पूरे देश में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा.”
5. वो आगे कहती हैं, “संविधान की धारा 44 में UCC बनाने का प्रयास तो वर्णित है मगर इसे थोपने का नहीं है. इसलिए इन सभी बातों को ध्यान में रखकर ही बीजेपी को देश में UCC को लागू करने के लिए कोई कदम उठाना चाहिए था. हमारी पार्टी UCC को लागू करने के खिलाफ नहीं है बल्कि बीजेपी और इनकी सरकार की ओर से इसे देश में लागू करने के तरीके से सहमत नहीं है.”
6. मायावती की प्रेस कॉन्फ्रेंस के कुछ ही देर बाद समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता सुनील सिंह साजन ने उनकी टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ''मायावती ने जो कहा है, वही बात एसपी प्रमुख (अखिलेश यादव) बार-बार कहते रहे हैं कि बीजेपी अपना एजेंडा सेट करने की कोशिश कर रही है. सपा हमेशा बीजेपी की ओर से निर्धारित नफरत और विभाजन के एजेंडे के खिलाफ है.''
7. वहीं, आम आदमी पार्टी ने यूसीसी को अपना "सैद्धांतिक" समर्थन दिया है. कांग्रेस ने कहा है कि यह इस स्तर पर "अवांछनीय" है. विपक्ष ने केंद्र पर 2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले राजनीतिक लाभ के लिए इस मुद्दे को भुनाने का भी आरोप लगाया है.
8. इसके अलावा, मेघालय में बीजेपी के सहयोगी मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा और उनके केरल के सीएम पिनाराई विजयन ने इस मुद्दे पर अपनी आपत्ति व्यक्त की है. सीएम संगमा का कहना है कि यूसीसी ‘आइडिया ऑफ इंडिया’ के खिलाफ है. वहीं पनाराई विजयन का कहना है कि ये बीजेपी का चुनावी एजेंडा है.
9. केंद्र सरकार संसद के मानसून सत्र के दौरान यूसीसी बिल को पेश कर सकती है. समान नागरिक संहिता को लेकर सांसदों की राय जानने के लिए संसदीय स्थायी समिति की 3 जुलाई को बैठक बुलाई गई है. बैठक की अध्यक्षता बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी करेंगे.
10. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में देश के अंदर एक समान नागरिक संहिता (UCC) की वकालत करके बड़ी बहस छेड़ दी है. ऐसा कहा जा रहा है कि पीएम मोदी ने यूसीसी के लिए पिच तैयार कर दी है और 20 जुलाई से शुरू होने जा रहे संसद के मानसून सत्र में इसे पटल पर लाया जा सकता है.
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