Omar Abdullah Targets BJP: नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference) के उपाध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला अपनी पार्टी की बैठक के लिए घाटी के बडगाम इलाके में पहुंचे. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार और प्रदेश प्रशासन पर जमकर निशाना साधा. साथ ही उन्होंने बीजेपी पर बाहरी लोगों को कश्मीर में बसाने और यूसीसी के बहाने अल्पसंख्यकों को दबाने की कोशिश करने का आरोप भी लगाया.
यूसीसी के मुद्दे पर मीडिया कर्मियों के पूछे गए एक सवाल के जवाब में उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड के बहाने बीजेपी सरकार अल्पसंख्यकों को निशाने पर लेने का इरादा रखती है.
उन्होंने आगे कहा, “केंद्र सरकार बहुसंख्यकवाद के सिद्धांत पर चल रही है और हम UCC का ड्राफ्ट आने के बाद ही इस पर अंतिम फैसला लेंगे, लेकिन अभी के हालात देखते हुए सरकार की मंशा पर शक हो रहा है.”
‘...तब आरएसएस ने विरोध क्यों किया?’
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने आजादी के बाद के समय को याद करते हुए कहा, “बीजेपी को यह बताना होगा कि आजादी के बाद जब तत्कालीन पीएम जवाहर लाल नेहरू ने समान नागरिक संहिता का प्रस्ताव रखा था तो आरएसएस ने इसका विरोध क्यों किया था."
बेघर लोगों को घाटी में बसाए जाने पर उमर अब्दुल्ला
जम्मू कश्मीर में दो लाख से ज्यादा बेघर लोगों को मुफ्त जमीन और घर देने के LG मनोज सिन्हा के फैसले पर सवाल उठाते हुए उमर अब्दुल्लाह ने कहा कि सरकार ने 2019 के बाद चोर दरवाजे से कश्मीर में लाए गए लोगों को बसाने के इरादे से ये फैसला लिया है.
उन्होंने कहा, "सरकार हमको पहले ये तो बताए कि दो लाख बेघर लोगों का आंकड़ा कहां से आया है. 2019 के बाद जिन लोगों को यहां लाया गया है और उनको बसाने की भी कोशिश हुई है."
महाराष्ट्र में अजित पवार की बगावत पर क्या बोले उमर अब्दुल्ला?
महाराष्ट्र में एनसीपी के टूटने पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हालांकि इस टूट का असर विपक्षी एकता पर पड़ेगा, लेकिन क्या इसका असर एनसीपी पर पड़ेगा, ये देखने वाली बात होगी. महाराष्ट्र के लोगों को अजित पवार का वह बयान पसंद नहीं आया जिसमें शरद पवार ने कहा था कि उनकी उम्र जल्दी सेवानिवृत्ति की मांग करती है.
उमर ने कहा, "बीजेपी ने अन्य राज्यों में भी टूट की कोशिश की है, कुछ में असफल रही, कुछ में सफल रही. यह बीजेपी का पुराना खेल है."
सुप्रीम कोर्ट में 370 मामले पर सुनवाई पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हम जल्द फैसले की उम्मीद नहीं कर रहे हैं क्योंकि इसके लिए एक प्रक्रिया का पालन करना होगा और कोर्ट को पहले सरकार को नोटिस जारी करना होगा.