Uniform Civil Code Issue: लॉ कमीशन ने समान नागरिक संहिता (UCC) पर धार्मिक संगठनों और लोगों को राय देने के लिए शुक्रवार (14 जुलाई) तक का समय दिया है. इसी बीच केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि दक्षिण राज्य के सभी सांसद संसद में यूनिफॉर्म सिविल कोड के खिलाफ एकसाथ आए. 


न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सीएम विजयन ने कहा कि यूसीसी को लेकर विभिन्न जातीय और धार्मिक समूहों से बात नहीं की गई. यूसीसी अल्पसंख्यकों के लिए भी चिंता की बात है. उन्होंने ये बात 20 जुलाई से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र को देखते हुए बुलाई गई तिरुवनंतपुरम में राज्य के सांसदों की बुलाई गई बैठक में कही.   


पिनराई विजयन ने क्या कहा?
विजयन ने कहा कि देश के लिए केरल धर्मनिरेपक्षता के मामले में मॉडल स्टेट है तो ऐसे में हमें यूसीसी पर एकमत रुख अपनाना चाहिए. व्यक्तिगत कानूनों पर बिना उचित परामर्श के जल्दी में निर्णय लेना लोकतंत्र में ठीक नहीं है. 


उन्होंने कहा कि जब विश्वास और सभी वर्ग की समान रूप से भागीदारी एकता के लिए जरूरी है तो ऐसे में यूसीसी को अल्पसंख्यक समूहों के मन में भय पैदा करने के नहीं लाने चाहिए हैं. दक्षिण के राज्य में तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन भी यूसीसी का विऱोध कर चुके हैं. 


स्टालिन ने कहा कि मैं बहुसांस्कृतिक तानेबाने के लिए पहचान पाने वाले भारत में यूसीसी के क्रियान्वयन के विचार पर तमिलनाडु सरकार के कड़े विरोध को व्यक्त करने के लिए पत्र लिख रहा हूं. कुछ सुधारों की जरूरत मैं भी समझता हूं, लेकिन मेरा मानना है कि यूसीसी से हमारे समाज के विविधतापूर्ण सामाजिक ढांचे के सामने गंभीर खतरा और चुनौतियां हैं.


सरकार क्या कह रही है?
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भापोल में कहा था कि विपक्ष वोट बैंक के लिए यूसीसी पर लोगों को भड़का रहा है. यूसीसी का जिक्र तो संविधान में भी किया गया था. कई बार सुप्रीम कोर्ट भी कह चुका है कि यूसीसी लाओ. 


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