UCC Issue: यूनिफॉर्म सिविल कोड पर मचे घमासान के बीच बीजेपी के सहयोगी दल भी विरोध में उतर रहे हैं. अब भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सहयोगी एआईएडीएमके (AIADMK) ने समान नागरिक संहिता पर बुधवार (5 जुलाई) को अपना रुख साफ किया है. पार्टी का कहना है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) संभावित रूप से भारत में अल्पसंख्यक समुदायों की धार्मिक स्वतंत्रता को नुकसान पहुंचा सकता है. 


एआईएडीएमके महासचिव एडप्पादी पलानीस्वामी (Edappadi Palaniswami) ने कहा, "यूसीसी पर हमारा रुख वही है जो 2019 के चुनाव घोषणापत्र का था. हमने वहां सब कुछ संक्षेप में समझाया है."


AIADMK के घोषणापत्र में क्या कहा गया?
 
एआईएडीएमके के चुनावी घोषणापत्र में कहा गया था कि एआईएडीएमके भारत सरकार से आग्रह करेगी कि वह यूसीसी के लिए संविधान में कोई संशोधन न लाए, जो भारत के अल्पसंख्यकों के धार्मिक अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा. इसके अलावा घोषणापत्र में पार्टी ने केंद्र से तमिल भाषा को देश की आधिकारिक भाषा के रूप में लागू करने का भी आग्रह किया है. 


बीजेपी से गठबंधन के सवाल पर जवाब?


न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, जब पलानीस्वामी से पूछा गया कि उनकी पार्टी का बीजेपी के साथ गठबंधन (2024 के लोकसभा चुनावों के लिए) जारी रहेगा इसपर उन्होंने कहा, "अभी कोई चुनाव नहीं है. चुनाव होने में एक साल है, कोई जल्दी नहीं है. चुनाव के समय, निश्चित रूप से हम आपको बताएंगे कि हम किन पार्टियों के साथ गठबंधन कर रहे हैं."


हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भोपाल में यूसीसी पर दिए गए बयान के बाद यूसीस को लेकर चर्चा बढ़ गई है. पीएम मोदी ने कहा था कि दो अलग-अलग कानूनों का होना देश के लिए सही नहीं है और उनका मानना ​​है कि यूसीसी संविधान का अभिन्न अंग है.


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