Udaipur Murder Case: कन्हैया लाल हत्याकांड में पुलिस पूछताछ में हुआ ये बड़ा खुलासा, जानें
Udaipur Murder: कन्हैया की हत्या के पीछे इनका मक़सद सिर्फ दहशत फैलाना था. कन्हैया के अलावा इनके निशाने पर नितिन जैन नाम का एक अन्य शख्स भी था.
Udaipur Murder Case: कन्हैया लाल हत्याकांड (Kanhaiya Lal Murder Case) में जांच को आगे बढ़ाते हुए शुक्रवार को NIA की टीम जयपुर की स्पेशल NIA कोर्ट में आरोपियों के वारंट के लिए अर्जी दाखिल करेगी. सूत्रों के मुताबिक अभी तक कि जांच में पता चला है कि मोहम्मद रियाज़ (Mohammad Riyaz) और गौस मोहम्मद (Ghouse Mohammad) इस हत्याकांड में अकेले नहीं थे, बल्कि इनका एक ग्रुप है जिसमें एक दर्जन से अधिक लोग हैं. इनके ग्रुप में पाकिस्तान (Pakistan) के कुछ ऐसे लोग भी हैं जिनके संबंध कई आतंकी ग्रुपों से है.
कन्हैया की हत्या के पीछे इनका मक़सद सिर्फ दहशत फैलाना था. कन्हैया के अलावा इनके निशाने पर नितिन जैन नाम का एक अन्य शख्स भी था. दरअसल इन लोगों ने पुलिस को बताया कि मोहम्मद पैगंबर पर की गई टिप्पणी के बाद इनका मकसद कन्हैया लाल की लाइव हत्या करने का था ताकि इनकी इस हरकत से एक समुदाय में दहशत फैल जाए और दोनों अपने धर्म के हीरो बन जाएं.
काफी लंबे वक्त से रच रहे थे साजिश
ये लोग ग्रुप में पिछले काफी समय से हिंदू मुस्लिम विवाद की खबरों को लेकर सोशल मीडिया में बात किया करते थे. काफी वक्त से ये कुछ बड़ा करने की साज़िश रच रहे थे. ये भारत को इस्लामिक स्टेट बनाने के लिए ISIS को अपना आदर्श मानते थे. दोनों आरोपी अक्सर ISIS और तालिबान के वीडियो देखा करते थे.
ये दोनों हिंदुओं को काफ़िर समझते हैं और हिंदुओं के अंदर दहशत फैलाने के मकसद से ही इन्होंने ये काम किया. नूपुर शर्मा के विवादित बयान के बाद जब देश के कई हिस्सों में पथराव हुआ तो इनको लगा ये सबसे अच्छा मौका है अपने मज़हब का हीरो बनने का. कन्हैया लाल के द्वारा नूपुर शर्मा की पोस्ट पर प्रतिक्रिया के बाद इन्होंने कन्हैया को सबसे आसान टारगेट समझा था.
निशाने पर थे और भी कई लोग
हालांकि इनके निशाने पर कई बड़े लोग भी थे लेकिन वो इनकी पहुंच से काफी दूर थे. सूत्रों के मुताबिक पुलिस हिरासत में जब उनसे पूछताछ की गई तो इनको अपने किये पर कोई पछतावा नहीं है. सूत्रों ने बताया कि आरोपी 2014 में ट्रेन के जरिये 45 दिनों के लिए पाकिस्तान गया था जहां वो ज्यादातर उन लोगों के संपर्क में था जो अलग अलग आतंकी गुट से किसी ना किसी तरह से जुड़े हुए थे.
स्लीपर सेल की तरह कर रहे थे काम
पाकिस्तान (Pakistan) के आकाओं के आदेश पर पिछले कई सालों से ये दोनों राजस्थान (Rajasthan) में रहते हुए स्लीपर सेल की तरह काम कर रहे थे. पिछले काफी समय से ये अपने आकाओं से अलग अलग एप के जरिए संपर्क करते थे. सूत्रों के मुताबिक पुलिस की पूछताछ में दोनों ने बताया कि ये साज़िश उन्होंने नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) के बयान के बाद की थी. जिसके बाद उदयपुर के सीपाटिया इलाके की वेल्डिंग फैक्टरी में इन्होंने हथियार बनाये और हत्याकांड को अंजाम देने के बाद फैक्ट्री मालिक के ऑफिस में वीडियो बनाया.
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