मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, सुप्रिया सुले, शिवसेना नेता संजय राउत समेत कई दिग्गज राजनेताओं के फोन टैपिंग मामले को लेकर राज्य की महाविकास गठबंधन सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं. महाराष्ट्र के गृहमंत्री और एनसीपी के नेता अनिल देशमुख के इस आदेश ने महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर उबाल ला दिया है.
अनिल देशमुख ने फडणवीस सरकार पर आरोप लगाया कि महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के कुछ दिग्गज नेताओं के फोन टैप हुए. अनिल देशमुख जिन दिग्गज नेताओं का जिक्र कर रहे हैं उनमें उद्धव ठाकरे, शरद पवार, सुप्रिया सुले और संजय राउत जैसे नेताओं के नाम हैं. विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर बीजेपी-शिवसेना ने 30 साल का अपना गठबंधन तोड़ा और कांग्रेस-एनसीपी के साथ सरकार बनाने का अपना प्रयास शुरु किया.
शिवसेना के नेता संजय राउत ने दावा किया कि उन्हें पहले से ही इसकी जानकारी थी. उनका दावा है कि बीजेपी के ही कुछ बड़े नेताओं ने मुझे जानकारी दी थी कि फोन पर संभलकर बात करना, तुम्हारा फोन टैप हो रहा है, लेकिन मैंने उनकी परवाह नहीं की. वहीं महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने अपने कार्यकाल में फोन टैपिंग के आरोपों का खंडन किया है. देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सरकार जिस माध्यम से चाहे जांच करा सकती है. मेरे कार्यकाल में गृहमंत्री शिवसेना के थे. इजराइल जाकर भी अगर इस मामले की जांच करानी हो तो कराई जाए.
पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस इजराइल का जिक्र इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उन पर आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने एक अधिकारी को इजराइल भेजा था. सूत्रों के मुताबिक इस अधिकारी ने इजराइल की कंपनी NOS से संपर्क कर उस कंपनी से फोन टैप करने के लिए PEGASUS नाम का सॉफ्टवेयर लिया था. आरोप के मुताबिक PEGASUS नाम का सॉफ्टवेयर साल 2016 में NOS नाम की इजराइली कंपनी ने बनाया था. इस सॉफ्टवेयर के जरिए किसी भी फोन का टेक्स्ट मेसेज, फोन लोकेशन, फोन के पासवर्ड, फोन ट्रैकिंग, व्हाट्सएप, फेसबुक, स्काइप जैसे एप का पूरा डेटा भी हासिल किया जा सकता है.
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