Maharashtra Political Crisis: उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) से बग़ावत के बाद से ही एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) मज़बूत होते जा रहे हैं. पहले शिवसेना (Shiv Sena) के 40 विधायकों का साथ, बीजेपी (BJP) के सहयोग से मुख्यमंत्री पद  और अब शिवसेना के वरिष्ठ नेता और उद्धव के करीबी रामदास कदम (Ramdas Kadam) ने उद्धव गुट से किनारा कर लिया है. उद्धव गुट ने पार्टी विरोधी गातिविधि के चलते रामदास कदम को पार्टी से निकाल दिया है. रामदास कदम 4 बार विधायक और कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं. रामदास कदम कोंकण (Konkan) के रत्नागिरी से कद्दावर नेता हैं और महाराष्ट्र (Maharashtra) विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रह चुके हैं.


शिंदे गुट में शामिल होंगे रामदास कदम


रामदास कदम ने कहा कि मैंने 52 सालों तक शिवसेना में काम किया और फिर मुझे पार्टी से निकाल दिया गया , इसका आत्मपरीक्षण होना चाहिए. शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के बेटे मुख्यमंत्री बनकर राष्ट्रवादी कांग्रेस और कांग्रेस के साथ सत्ता में बैठे थे, यह हम में से किसी को मान्य नहीं था. हमारे इलाक़े में शिवसेना को कमजोर किया जा रहा था. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजित पवार उनके लोगों को हमारे इलाके में काम करने के लिए पैसे दे रहे थे. अगर ऐसी ही परिस्थिति होती तो अगले चुनाव में शिवसेना के 10 विधायक भी चुन कर नहीं आते.


‘चमचों के घिरे रहते हैं उद्धव ठाकरे’


रामदास कदम (ईस् खोस) ने कहा कि जो लोग मुझ पर आरोप लगा रहे हैं उनकी औकात क्या है? कौन है यह लोग? पार्टी की दुर्दशा करने वाले ये लोग चमचे हैं. अरविंद सावंत (Arvind Sawant) की क्या औकात है! उन्होंने कहा कि मैं दोनों को (उद्धव -एकनाथ) को एक साथ लाने की कोशिश करूंगा. जहां-जहां राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के विधायक है मैं वहां घूमूंगा. संजय राऊत (Sanjay Raut) अशोभनीय बातों की वजह से जो दोनों एक होने वाले थे वह नहीं हुए. ग़ौरतलब है कि रामदास कदम के बेटे योगेश कदम (Yogesh Kadam) दापोली सीट से शिवसेना (Shiv Sena) के विधायक हैं और एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के साथ बग़ावत करने वाले विधायकों में शामिल हैं.


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