Maharashtra Politics: उद्धव ठाकरे ने मध्यावधि चुनाव की मांग की, शिंदे गुट से बोले- पार्टी का चिह्न कोई नहीं छीन सकता
Uddhav Thackeray on Party's Symbol: पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैंने अपने कार्यकर्ताओं को साफ किया कि कानूनी तौर पर भी कोई भी हमारा धनुष-बाण हमसे छीन नहीं सकता है.
Uddhav Thackeray Demands Mid-Term Elections: पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव की मांग की है. साथ ही उन्होंने पार्टी चिह्न पर एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) गुट के दावे पर कहा कि कोई इसे छीन नहीं सकता है. ठाकरे ने कहा, ''तीर और कमान उनकी पार्टी का चुनाव चिह्न रहेगा.'' उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का 11 जुलाई का फैसला सिर्फ शिवसेना का ही नहीं बल्कि भारतीय लोकतंत्र का भविष्य भी तय करेगा.
ठाकरे ने कहा कि मेरे साथ जो 15- 16 विधायक हैं. मैं उनका धन्यवाद करता हूं. शिवसेना को कोई नुकसान नहीं होगा. कार्यकर्ता लगातार मुझसे मिलने आ रहे हैं. मेरे सैनिकों का मन दुखी है, लेकिन मैं और पार्टी उनके साथ खड़े हैं. उन्होंने कहा, ''शिवसेना के चुनावी चिन्ह को लेकर असमंजस है, लेकिन मैंने अपने कार्यकर्ताओं को साफ किया कि कानूनी तौर पर भी कोई भी हमारा धनुष-बाण हमसे छीन नहीं सकता. कानून और संविधान के जानकार से चर्चा करके बता रहा हूं कि कोई भी हमारा सिंबल हमसे छीन नहीं सकता.''
'मुझे अभिमान है कि...'
शिवसेना प्रमुख ने कहा कि मुझे इस बात का अभिमान है कि शिवसेना ने सामान्य व्यक्ति को भी आगे बढ़ाया. जो लोग बड़े हो गए, वो जा चुके है, उन्हें जाने दो, लेकिन आज भी कई लोग सेना के साथ हैं. कितने भी विधायक जाएं, लेकिन पार्टी हमारी ही रहेगी. विधि मण्डल अलग चीज़ होती है, लेकिन पार्टी संगठन अलग होता है.
उन्होंने कहा कि आज जो BJP ने किया है, यदि ढाई साल पहले की होती तो MVA का निर्माण नहीं होता. जनता सब देख रही है. अगर हम गलत हैं तो जनता हमें जवाब चुनाव में देगी और वो सही हैं तो उन्हें जवाब देगी. उद्धव ठाकरे ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव के मुद्दे पर मैं अपने सांसद और पार्टी से चर्चा करूंगा और अपनी भूमिका तय करूंगा.
बता दें कि कभी उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के करीबी रहे एकनाथ शिंदे ने पिछले दिनों शिवसेना में बगावत कर दी थी. इसके बाद उद्धव ठाकरे को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा. बाद में एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने बीजेपी से मिलकर सरकार बना ली. अब शिंदे गुट का कहना है कि शिवसेना उनकी है और चुनाव चिह्न पर भी दावेदारी कर रहे हैं.