UCC Issue: यूनिफॉर्म सिविल कोड का समर्थन करेगी उद्धव ठाकरे की पार्टी? संजय राउत ने बड़ी बैठक के बाद बताया
Uniform Civil Code: शिवसेना (यूबीटी) के चीफ उद्धव ठाकरे के आवास पर हुई बैठक में एनसीपी में हुई बगावत और एमवीए में बने रहने को लेकर भी चर्चा की गई.
Shiv Sena On Uniform Civil Code: देशभर में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर छिड़ी बहस के बीच मुंबई में मंगलवार (4 जुलाई) को शिवसेना (यूबीटी) की अहम बैठक हुई. महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के मुंबई स्थित आवास मातोश्री पर हुई इस बैठक में यूसीसी (UCC), महाराष्ट्र में एनसीपी (NCP Crisis) की बगावत, लोकसभा चुनाव-2024 समेत कई मुद्दों पर लंबी चर्चा हुई. इस बैठक के बाद शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने यूसीसी पर बड़ा बयान दिया.
संजय राउत ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड चुनावी शिगूफा है. ये किसी एक धर्म के लिए नहीं है, ये पूरे देश के लिए है. हमारे देश में हर धर्मों का अपना एक अलग कानून है. जब ड्राफ्ट आएगा तब इसपर चर्चा होगी. अगर कोई कानून देश के लिए आता है तो इसपर चर्चा करेंगे. ड्राफ्ट आने दीजिए, कोई भी कानून का विरोध नहीं कर रहा है. इस पर बैठक में चर्चा हुई है.
उद्धव ठाकरे गुट की हुई बैठक
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सहित पूरे देश में जो उथल पुथल चल रही है हमने उस पर भी आज बैठक में चर्चा की है. लोकसभा चुनाव पर चर्चा हुई है. कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना एमवीए के बैनर में साथ हैं. शरद पवार अकेले नहीं हैं हम सब उनके साथ हैं. बीजेपी किस तरह की राजनीति कर रही है और हम इस संकट के बीच कैसे आगे बढ़ सकते हैं, इस पर चर्चा हुई.
यूसीसी पर क्या बोले शिवशेना नेता?
यूसीसी पर शिवसेना (यूबीटी) विधायक भास्कर जाधव ने कहा कि समान नागरिक संहिता हो या कोई अन्य कानून, इसका ड्राफ्ट तो बनाना ही पड़ेगा. इसे कैबिनेट में पेश किया जाना है. कैबिनेट के बाद ये चर्चा के लिए विधानसभा या संसद में जाता है. सभी के विचार-विमर्श और सुझाव के बाद सरकार इसे कानून का रूप देती है, लेकिन बीजेपी ने यह सब नहीं किया है.
एमवीए में रहेगा उद्धव ठाकरे गुट
उन्होंने कहा कि वे (बीजेपी) वोटों का ध्रुवीकरण करना चाहते हैं और हिंदुओं और मुसलमानों के बीच टकराव पैदा करना चाहते हैं. जनता इस बारे में जानती है. न्यूज़ एजेंसी एएनआई के सूत्रों के अनुसार, उद्धव ठाकरे गुट के नेताओं की बैठक के दौरान सभी नेताओं से इस बात पर राय मांगी गई कि क्या ठाकरे और अन्य नेता महा विकास अघाड़ी (एमवीए) का हिस्सा बने रहना चाहते हैं. सभी नेताओं और जन प्रतिनिधियों ने हाथ उठाकर एमवीए में बने रहने की राय व्यक्त की.
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