मुंबई: केंद्र सरकार और महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार के बीच नए सिरे से विवाद शुरू हो सकता है. दरअसल, महाराष्ट्र सरकार ने केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई को लेकर आज एक फैसला लिया. इसके मुताबिक, महाराष्ट्र में किसी भी केस की जांच के लिए सीबीआई को पहले राज्य सरकार से इजाजत लेनी होगी. इस फैसले से पहले से चल रही जांच पर फर्क नहीं पड़ेगा.


महाराष्ट्र सरकार ने यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब सीबीआई ने उत्तर प्रदेश सरकार की सिरफारिश के आधार पर टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट्स (टीआरपी) में कथित तौर पर हेरफेर किए जाने को लेकर प्राथमिकी दर्ज की है.


अधिकारियों के मुताबिक, मामला पहले लखनऊ के हजरतगंज थाने में एक विज्ञापन कंपनी के प्रवर्तक की शिकायत पर दर्ज किया गया था, जिसे उत्तरप्रदेश सरकार ने सीबीआई को सौंप दिया. बता दें कि टीआरपी में हेरफेर को लेकर मुंबई पुलिस ने खुलासा किया था और इसकी जांच के लिए कई लोगों को समन भेज चुकी है.


ध्यान रहे कि सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने को लेकर भी महाराष्ट्र सरकार ने आपत्ति जताई थी. मामला सुप्रीम कोर्ट में गया और शीर्ष अदालत ने जांच सीबीआई को सौंप दिया.


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