Morbi Accident: 'मोरबी पुल हादसे से पल्ला नहीं झाड़ सकती गुजरात सरकार'- ठाकरे का BJP पर हमला
शिवसेना ने पुल के पुनर्निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े किये. पार्टी ने कहा कि 'गुजरात सरकार अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकती' और केंद्र भी अपनी जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ सकता.'
मोरबी के पुल पर सवाल
मराठी पत्र में मोरबी के झूलते पुल के पुनर्निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े किये गये. इसे हादसे के महज चार दिन पहले जनता के लिए खोला गया था. ‘सामना’ के संपादकीय के अनुसार, ‘‘क्या लोगों की जान वापस आ जाएगी? पुल के रखरखाव के लिए जिम्मेदार कंपनी के खिलाफ जांच होनी चाहिए, लेकिन गुजरात सरकार अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकती.’’ उसने ये भी लिखा कि, ‘‘इस घटना को धोखाधड़ी, साजिश कहा जाना चाहिए या महज दुर्घटना कहना चाहिए?’’
गुजरात सरकार को जवाब देना होगा
उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना के मुताबिक, ‘‘क्या पुल का पुनर्निर्माण कार्य पूरा हो गया था या नहीं? पुल पर क्षमता से अधिक लोग कैसे पहुंच गये. कई सवाल हैं और गुजरात सरकार को प्रत्येक सवाल का जवाब देना होगा. केंद्र भी अपनी जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ सकता.’’
मोरबी में किस वजह से हुआ हादसा
घटना में घायल हुए एक व्यक्ति ने कहा कि दुर्घटना अचानक हुई और हो सकता है कि यह हादसा पुल पर बहुत अधिक लोगों के कारण हुआ हो. दीपावली की छुट्टी और रविवार होने के कारण प्रमुख पर्यटक आकर्षण पुल पर पर्यटकों की भीड़ उमड़ी हुई थी. एक निजी संचालक ने करीब छह महीने तक पुल की मरम्मत का काम किया था.
पुल को 26 अक्टूबर को गुजराती नववर्ष दिवस पर जनता के लिए फिर से खोला गया था. अब तक 134 लोगों के मरने की खबर है और 170 लोगों को बचाया भी जा चुका है. राहत और बचाव के काम में सेना, नौसेना और वायुसेना को लगाया गया है. इस काम में एनडीआरएफ की टुकड़ियां भी लगी हुई हैं.
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