उद्धव ठाकरे हो सकते हैं महाराष्ट्र के नए सीएम, आदित्य के नाम पर एनसीपी का वीटो- सूत्र
सूत्रों के मुताबिक अब आदित्य ठाकरे की बजाय उद्धव ठाकरे सीएम होंगे क्योंकि आदित्य के नाम पर एनसीपी ने सहमति नहीं जताई है. पहले यह कहा जा रहा था कि शिवसेना हाल ही में वर्ली सीट से विधानसभा चुनाव जीते आदित्य ठाकरे को सीएम बनाएगी.
नई दिल्ली: महाराष्ट्र में नई सरकार को लेकर तस्वीर धीरे-धीरे साफ हो रही है. खबरों के मुताबिक शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के समर्थन से सरकार बना सकती है. लेकिन सबसे बड़ी खबर यह है कि अपने राजनीतिक करियर में कोई भी चुनाव न लड़ने वाले उद्धव ठाकरे राज्य के मुख्यमंत्री बन सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक एनसीपी उद्धव के नाम को लेकर सहमत हुई है. पहले यह कहा जा रहा था कि शिवसेना हाल ही में वर्ली सीट से विधानसभा चुनाव जीते आदित्य ठाकरे को सीएम बनाएगी. बाल ठाकरे के निधन के बाद उनके बेटे उद्धव ठाकरे और पोते आदित्य ठाकरे ही पार्टी की कमान संभाल रहे हैं.
बता दें कि ठाकरे परिवार बिना चुनाव लड़े ही करीब 4 दशक से महाराष्ट्र की राजनीति को प्रभावित करता आ रहा है. बाल ठाकरे ना कभी विधायक बने ना कभी सांसद, शिवसेना सत्ता में आई तब भी उन्होंने मुख्यमंत्री का पद नहीं लिया. लेकिन एक लंबे समय तक वो राज्य का सबसे बड़ा चेहरा रहे.
इस बार के विधानसभा चुनाव में शिवसेना में 60 साल पुरानी परंपरा टूटी. परंपरा ये कि ठाकरे परिवार का कोई सदस्य कभी किसी तरह का चुनाव नहीं लड़ता. लेकिन आदित्य ठाकरे, ठाकरे परिवार के पहले ऐसे सदस्य हैं जो मध्य मुंबई की वर्ली विधानसभा सीट से चुनाव लड़े और जीत दर्ज की. शिवसेना आदित्य को सीएम के चेहरे के रूप में भी पेश कर रही थी.
सूत्रों के मुताबिक अब आदित्य ठाकरे की बजाय उद्धव ठाकरे सीएम होंगे क्योंकि आदित्य के नाम पर एनसीपी ने सहमति नहीं जताई है. एनसीपी ने डिप्टी सीएम का पद और गृह मंत्रालय मांगा है. वहीं अगर कांग्रेस सरकार में शामिल होती है तो एक डिप्टी सीएम का पद उसे भी दिया जाएगा. इसके साथ ही विधानसभा अध्यक्ष हर हाल में कांग्रेस का ही होगा, चाहे समर्थन बाहर से हो या अंदर से.
कैसे बनेगी शिवसेना की सरकार
शिवसेना के पास 56 विधायक हैं. महाराष्ट्र में विधानसभा की कुल 288 सीटे हैं. किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए 145 का जादुई आंकड़ा चाहिए. ऐसे में अगर 54 सीटों वाली शरद पवार की पार्टी एनसीपी का समर्थन शिवसेना को मिल जाता है तो आंकड़ा 110 पहुंच जाता है. उसके बाद शिवसेना को सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए और 35 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी.
सूबे में अन्य पार्टियों और निर्दलीयों के खाते में 27 सीटें गई हैं, जबकि कांग्रेस के पास 44 सीटें हैं. चूंकि बहुमत के लिए शिवसेना गठबंधन को एनसीपी के अलावा 35 सीटें दरकार हैं. ऐसे में उसके पास कांग्रेस के समर्थन के अलावा कोई चारा नहीं है. अगर कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी साथ में आ जाती हैं तो ये गठबंधन बहुमत का जादुई आंकड़ा आसानी से पार कर रहा है. तीनों की सीटें 154 पर पहुंच जाती हैं.