Uddhav thackeray Met Maharashtra CM: महाराष्ट्र मंत्रिमंडल के विस्तार के दो दिन बाद शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मंगलवार (17 दिसंबर 2024) को नागपुर में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की. उद्धव ठाकरे ने आदित्य ठाकरे, अनिल परब, वरुण देसाई और अन्य की मौजूदगी में फडणवीस से मुलाकात की. शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख राज्य विधानमंडल के चल रहे शीतकालीन सत्र में भाग लेने के लिए नागपुर पहुंचे. लेकिन इस मुलाकात के दौरान उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे के बयानों में अलग-अलग राय दिखी.
नई सरकार के गठन के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली बैठक थी. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कथित तौर पर फडणवीस को मुख्यमंत्री बनने पर बधाई देने गए थे. उद्धव ने कहा कि उन्हें महाराष्ट्र में सामान्य राजनीति की उम्मीद है. उन्होंने कहा, "मैं चुनाव नहीं जीत सका. उन लोगों ने चुनाव जीता और उनकी सरकार बनी. महाराष्ट्र के हित में फैसले अपेक्षित हैं."
'आगे की राह में उठाया गया कदम'
भले ही उद्धव ठाकरे ने सीएम फडणवीस मुलाकात की हो लेकिन उन्होंने बीजेपी की निशाना साधने में कसर नहीं छोड़ी. उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि वे जनता के माध्यम से उनसे पूछते रहेंगे कि वे (भाजपा) यह चुनाव कैसे जीते. उद्धव के इस बयान से जाहिर है कि बीजेपी के लिए उनकी कड़वाहट कम नहीं हुई है.
हालांकि उद्धव ठाकरे के बेटे और वर्ली से पार्टी विधायक आदित्य ठाकरे का रुख बीजेपी की ओर झुका दिखा. उन्होंने उद्धव ठाकरे-फडणवीस की मुलाकात को 'आगे की ओर उठाया गया कदम' बताया है. आदित्य ठाकरे ने ट्वीट किया, ''आज हमारे पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से मुलाकात की. यह एक कदम आगे है. दोनों (सत्तारूढ़ दल और विपक्ष) को देश और राज्य के हित के लिए एक साथ काम करने के लिए राजनीतिक परिपक्वता दिखानी चाहिए."
क्या शिवसेना वापस अपने हिंदुत्व के एजेंडे को कर रही मजबूत?
शिवसेना (यूबीटी) ने बीते दिनों बांग्लादेश में हिंदु अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा को लेकर शिवसेना ने केंद्र सरकार की आलोचना की थी. इसके बाद से कयास लगाए जा रहे हैं कि शिवसेना अपने कोर हिंदुत्व के एजेंडे को वापस मजबूत कर रही है.
मंगलवार (17 दिसंबर 2024) को नागपुर में प्रेस कॉफ्रेंस के दौरान उद्धव ठाकरे ने कहा, "मैं पूछना चाहता हूं कि वीर सावरकर को भारत रत्न क्यों नहीं दिया जाना चाहिए. उन्हें ये सम्मान दिया जाना चाहिए. जब देवेंद्र फडणवीस सीएम थे, तब उन्होंने इस मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था, लेकिन उसका अभी तक कुछ हुआ नहीं. इसके बावजूद भी वीर सावरकर को भारत रत्न नहीं दिया जा रहा है. अब तो फडणवीस सीएम हैं. अब तो उनकी मांग पर विचार करना चाहिए. अब ऐसा क्यों नहीं किया जा रहा है तो भाजपा को वीर सावरकर पर बोलने का कोई अधिकार नहीं हैं."
उद्धव ठाकरे ने कहा, "मैं कांग्रेस और भाजपा दोनों से कहना चाहता हूं कि कांग्रेस को सावरकर पर निशाना साधना बंद कर देना चाहिए और भाजपा को नेहरू-नेहरू करना बंद कर दे. अतीत को छोड़ भविष्य पर ध्यान देने की जरूरत है. दोनों नेताओं ने अपने समय में जो भी निर्णय लिए, वे अपने युग के लिए उपयुक्त थे इसलिए प्रधानमंत्री मोदी को भी अब नेहरू का नाम बार-बार लेने से बचना चाहिए."
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