मुंबई: नागपुर में चल रहे महाराष्ट्र विधानसभा अधिवेशन में आज कर्नाटक और महाराष्ट्र के सीमा विवाद को लेकर एक नई परिभाषा गढ़ी गई. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे बोलने के लिये खड़े हुए तो उन्होंने कहा कि आज कर्नाटक और महाराष्ट्र सीमा को लेकर जो विवाद चल रहा है उसके लिये वो नई परिभाषा दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर है उसी तरह कर्नाटक अधिकृत महाराष्ट्र है. इसका विवाद मिटाने के लिये सभी पार्टियों को एक साथ आना पड़ेगा. महाराष्ट्र की पिछली बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि बीजेपी सरकार ने कर्नाटक अधिकृत महाराष्ट्र के लिये कुछ नहीं किया.


उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उसने हरदम कर्नाटक का ही साथ दिया है. उन्होंने नागरिकता संसोशधन एक्ट के परिपेक्ष में कहा कि दूसरे देशों से आने वाले हिंदुओ को अपनाने की बात सरकार कर रही है लेकिन कर्नाटक अधिकृत महाराष्ट्र में जो मराठी महाराष्ट्र में आना चाहते हैं उनके लिये बीजेपी सरकार ने क्यों कुछ नहीं किया. बीजेपी जब अपने देश के हिंदू को न्याय नहीं दे सकती वो दूसरे देश के हिंदुओं को इस देश में बसाने की बात कैसे कर सकती है?


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दरअसल महाराष्ट्र और कर्नाटक की सीमा से लगा बेलगाम क्षेत्र जो वर्तमान में कर्नाटक राज्य का हिस्सा है, पहले बॉम्बे प्रेसीडेंसी का भाग हुआ करता था और महाराष्ट्र भाषा के आधार पर बेलगाम को अपना भाग बताता है. 1956 में राज्य पुनर्गठन अधिनियम द्वारा बेलगाम को भाषायी और प्रशासनिक कारणों से कन्नड़ बहुल कर्नाटक राज्य के अधीन कर दिया गया था जबकि बेलगाम में मराठी बोलने वालों की तादाद बहुत ज्यादा है. इस सीमा विवाद को लेकर शिवसेना हरदम आक्रामक रही है. फिलहाल मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. उद्धव ठाकरे की सरकार बनते ही उन्होंने कर्नाटक महाराष्ट्र सीमा विवाद के मुद्दे पर मींटिंग भी कर चुके हैं और अब उन्होंने इसे पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की तर्ज पर कर्नाटक अधिकृत महाराष्ट्र की संज्ञा देकर बीजेपी को घेरने की कोशिशि की है.


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