Maharashtra: केंद्र की डफली पर नाच रहे बागी विधायक, महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच 'सामना' से BJP पर बड़ा हमला
Shiv Sena Attack on BJP: महाराष्ट्र में सियासी संकट पर शिवसेना ने एक बार फिर अपने मुखपत्र सामना के जरिए बीजेपी पर हमला किया है. सामना में कहा गया है कि बीजेपी बागी विधायकों को अपनी डफली पर नचा रही है.
Shivsena Saamana: महाराष्ट्र (Maharshtra) में सियासी तूफान ने राजनीति के गलियारों में हलचल पैदा कर दी है और आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है. जब से इस खेल में बीजेपी (BJP) की एंट्री हुई है तब से उद्धव वाली शिवसेना बौखला गई है. एक बार फिर शिवसेना (Shivsena) ने अपने मुखपत्र सामना (Saamana) से जरिए बौखलाहत जाहिर की है. सामना में शिवसेना ने बीजेपी पर होर्स ट्रेडिंग (Horse Trading) का आरोप लगाया है. कहा है कि विधायकों को खरीदा गया है. यही नहीं बागी विधायकों को रुपयों में बिकने वाले बैल (Bull) तक कह दिया है.
सामना में शिवसेना ने कहा है कि वड़ोदरा में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस और बागी नेता एकनाथ शिंदे की एक गुप्त मीटिंग हुई जिसमें गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल थे. इस मीटिंग के तुरंत बाद ही बागी विधायकों को केंद्र सरकार ने वाई प्लस की सुरक्षा प्रदान कर दी. सामना में लिखा गया कि केंद्र को लगता है कि ये विधायक मतलब मानो लोकतंत्र, आजादी के रखवाले हैं, इसलिए उनके बालों को भी नुकसान नहीं पहुंचने देंगे. असल में ये लोग 50-50 करोड़ रुपयों में बेचे गए बैल अथवा ‘बिग बुल’ हैं.
केंद्र की ताल पर नाच रहे ‘नचनिया’ विधायक
महाराष्ट्र के सियासी लोकनाट्य में केंद्र की डफली, तंबूरे वाले कूद पड़े हैं और राज्य के ‘नचनिये’ विधायक उनकी ताल पर नाच रहे हैं. ये तमाम ‘नचनिये’ लोग वहां गुवाहाटी के एक पांच सितारा होटल में अपने महाराष्ट्र द्रोह का प्रदर्शन पूरे देश और दुनिया को करा रहे हैं. केंद्र और महाराष्ट्र की बीजेपी ने ही इन नचनियों को उकसाया है. उनकी नौटंकी का मंच उन्होंने ही बनाया व सजाया है और कथा-पटकथा भी बीजेपी ने ही लिखी है यह अब छिपा नहीं रह गया है.
गैर बीजेपी शासित राज्यों में केंद्र ने दिया दखल
महाराष्ट्र (Maharashtra) ही नहीं, बल्कि पश्चिम बंगाल (West Bengal), झारखंड (Jharkhand), पंजाब (Punjab), दिल्ली (Delhi) आदि गैर बीजेपी शासित राज्यों में केंद्र की बीजेपी सरकार इस तरह के हस्तक्षेप हमेशा ही करती रही है. जिन राज्यों में बीजेपी (BJP) की सरकार नहीं है, उनके संवैधानिक अधिकारों में अलग-अलग तरह से हस्तक्षेप करना, उनकी संविधान प्रदत्त स्वतंत्रता का गला घोंटना, ऐसे मामले लगातार सामने आ रहे हैं. अभी भी महाराष्ट्र से बेईमानी करनेवाले 15 गद्दार विधायकों को सीधे ‘वाई प्लस’ सुरक्षा देने का केंद्र का निर्णय इसी अंधेरगर्दी का हिस्सा है.
ये भी पढ़ें: Maharashtra Crisis: शिवसेना कोटे के 9 मंत्री शिंदे के गुट में, अब सीएम उद्धव ठाकरे के साथ हैं कितने? जानिए