नई दिल्ली: मुंबई के शिवाजी पार्क में जैसे ही शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के लिए मंच पर पहुंचे तो उनका स्वागत तोरण ध्वनि से किया गया. पूरे शपथ ग्रहण समारोह में विधि- विधान और शुभ महुर्त का विशेष ध्यान रखा गया. शुभ घड़ी के हिसाब से ही उद्धव ठाकरे ने केसरिया रंग का कुर्ता पहन रखा था. इसका डिजायन ठीक वैसा ही था जैसी बाला साहेब ठाकरे के कुर्ते का होता था.
केसरिया रंग शिवसेना का ऑफीशियल रंग है. पार्टी के निशान में जिन दो रंगों का इस्तेमाल हुआ है उनमें से एक केसरिया रंग भी है. केसरिया रंग की अपनी एक खासियत होती है. व्यक्ति और उसके विचारों को दर्शाने में इस रंग का विशेष महत्व है. पौराणिक और धार्मिक दृष्टि से भी इस रंग को शुभ माना जाता है.
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बीते दिनों महाराष्ट्र की राजनीति में जो उथल पुथल देखी गई उसमें खास बात रंगों की भी रही. जब जब स्थिति चुनौती और संकटपूर्ण नजर आई तब तब उद्धव ठाकरे ने जिन रंगों के कपड़े धारण किए उससे उनका मन और दिमाग स्थिर बना रहा. रंगों का चयन महज एक संयोग भी हो सकता है लेकिन अगर इसके मायने निकाले जाएं तो गंभीर निकलकर आएंगे. यही वजह रही कि पूरे सियासी घटनाक्रम में उद्धव ठाकरे बेहद शांत और सौम्य नजर आए जबकि उनके समकक्ष अन्य नेताओं की बॉडी लैंग्वेज अलग थी. उनमें एक तरह की बैचेनी थी इसके उल्टे उद्धव एकदम कूल दिखाई दिए.
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केसरिया रंग का महत्व आदि काल से ही है. ऋषिमुनी इसी रंग के वस्त्र धारण करते थे, इस रंग का संबंध अग्नि से है. अग्नि का अर्थ शुद्धता से होता है. यह मन के विकारों का नाश करता है. केसरियां रंग बलिदान का भी प्रतीक है. इसीलिए जब उद्धव मुख्यमंत्री की शपथ लेने शिवाजी पार्क पहुंचे तो उन्होने इसी रंग का कुर्ता पहना था जिससे वे एक संदेश देने की कोशिश कर रहे थे.
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