Uddhav Thackeray on Hindutva: '...और यही हमारा हिंदुत्व है', जानिए बीजेपी पर बरसते हुए उद्धव ठाकरे ने क्या कुछ कहा
BJP Hindutva Vs Shiv Sena Hindutva: उद्धव ठाकरे ने मुंबई में एक सभा को संबोधित करते हुए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पार्टी और बीजेपी के हिंदुत्व में फर्क बताया.
Uddhav Thackeray Hindutva Remark: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने रविवार (12 फरवरी) को मुंबई में उत्तर भारतीयों की एक सभा को संबोधित करते हुए हिंदुत्व के मुद्दे पर बीजेपी को घेरा.
उन्होंने उनकी शिवसेना और बीजेपी के हिंदुत्व का फर्क बताया. उद्धव ठाकरे ने कहा, ''बालासाहेब ठाकरे ने कभी भी हिंदुओं और मुसलमानों के बीच अंतर नहीं किया. उनका विश्वास था कि जो लोग देश के खिलाफ काम करते हैं, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो, उन्हें सजा मिलनी चाहिए. यही हमारा हिंदुत्व है.''
'बीजेपी का मतलब हिदुत्व नहीं'
पूर्व सीएम ठाकरे ने कहा, ''बीजेपी का मतलब हिंदुत्व नहीं है. मुझे उनके हिंदुत्व के वर्जन पर विश्वास नहीं है.'' समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘‘मैं बीजेपी से अलग हो गया क्योंकि मैंने कभी हिदुत्व को नहीं छोड़ा. बीजेपी हिंदुत्व नहीं है. उत्तर भारतीय इस बात का जवाब चाहते हैं कि हिंदुत्व क्या है? एक दूसरे से नफरत करना हिंदुत्व नहीं है. हम मराठी भाषी और मुंबई में बसे उत्तर भारतीय लोगों में फर्क नहीं करते.’’ ठाकरे ने उत्तर भारतीय समुदाय से पूर्व की गलतफहमियों को भुला देने की अपील की. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी मराठी बोलने वालों और मुंबई में रह रहे उत्तर भारतीयों में कोई फर्क नहीं करती है.
बता दें कि बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) के चुनाव से पहले उद्धव ठाकरे के इन बयानों को अहम वोट बैंक को अपनी ओर खींचने की कोशिशों के रूप में देखा जा रहा है. ठाकरे ने सभा में मौजूद लोगों से एकता का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि नफरत फैलाना और लोगों को बांटना, हिंदुत्व का यह मतलब नहीं है.
'...नहीं तो मैं एक गुलाम बना रहता'
ठाकरे ने कहा कि वह अपने मानसम्मान की रक्षा के लिए बीजेपी के साथ गठबंधन से अलग हो गए और 2019 के चुनाव के बाद महा विकास आघाड़ी (MVA) के गठन के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और कांग्रेस (Congress) के साथ हाथ मिलाया. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले बालासाहेबांची शिवसेना धड़े के बागी शिवसेना विधायकों का साफ तौर पर जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘...नहीं तो मैं एक गुलाम बना रहता जिसके गले में पट्टा होता जैसा कि मेरे कुछ लोग अब बन गए हैं.’’
'अगर मैंने ऐसा किया होता तो मुझे हिंदू विरोधी कहा जाता'
ठाकरे ने कहा कि जब भी वह उत्तर भारतीयों या मुसलमानों से मिलते हैं तो वह दुष्प्रचार अभियान का शिकार हो जाते हैं और उनके हिंदुत्व पर सवाल उठाए जाते हैं. उन्होंने कहा, ''आपसे मेरी मुलाकात की आलोचना की गई है. अगर मैं मुसलमानों से मिलता हूं तो कहा जाता है कि मैंने हिंदुत्व छोड़ दिया है. जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन पहले मुंबई आए तो वह किसकी रसोई में गए थे? अगर मैंने ऐसा किया होता तो मुझे हिंदू विरोधी कहा जाता लेकिन अगर प्रधानमंत्री ऐसा करते हैं तो यह कहा जाता है कि उनका दिल बड़ा है. मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि हम बोहरा समुदाय के खिलाफ कतई नहीं है. वे हमारे साथ हैं.’’
ठाकरे ने महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से इस्तीफा देने वाले भगत सिंह कोश्यारी पर भी उनका नाम लिए बिना तंज कसा. उन्होंने कहा, ''जिस आदमी ने छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान किया, उसे आज पार्सल सेवा से वापस भेज दिया गया.''
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