(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Uddhav Vs Shinde: उद्धव ठाकरे गुट सुप्रीम कोर्ट में बोला- न्यायालयों का इतिहास संविधान के मूल्यों को बचाने का रहा, कोर्ट के दखल के बिना...
Uddhav Thackeray Vs Eknath Shinde: उद्धव ठाकरे गुट का पक्ष रख रहे वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट में कहा कि लोकतंत्र खतरे में है.
Uddhav Thackeray Vs Eknath Shinde: चुनाव आयोग ने असली शिवसेना के रूप में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट को मान्यता दे दी, लेकिन अभी भी शिंदे और उद्धव ठाकरे गुट के बीच कई मुद्दों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है . इसमें तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के विश्वास मत बुलाने और शिंदे गुट के नेताओं को नोटिस भेजने सहित कई मामले है.
इसी बीच महाराष्ट्र राजनीतिक संकट से संबंधित उद्धव ठाकरे और सीएम एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाले गुटों की एक-दूसरे के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (16 फरवरी) को फैसला सुरक्षित रखा. शिंदे गुट का पक्ष रख रहे कपिल सिब्बल ने कोर्ट मे कहा कि लोकतंत्र को बचाने के लिए अदालत का दखल देना जरूरी है,
उद्धव ठाकरे गुट ने क्या कहा?
उद्धव ठाकरे गुट का पक्ष रख रहे वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि न्यायालयों का इतिहास संविधान के मूल्यों को बचाने और इसका उत्सव बनाने का रहा है. कोर्ट यह कई सालों से कर रही है. यह ऐसा मौका जब लोकतंत्र का भविष्य तय होगा. कोर्ट के दखल के बिना लोकतंत्र खतरे में है क्योंकि किसी भी सरकार को रहने नहीं दिया जाएगा. उन्होंने आगे तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के आदेश को गलत बताया.
राज्यपाल ने क्या कहा?
राज्यपाल के ऑफिस की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कोर्ट में कहा कि एक गठबंधन यानी उद्धव गुट ने बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था लेकिन इसके बाद वो दूसरे गठबंधन यानी कांग्रेस और एनसीपी के साथ चले गए. इस कारण शिवसेना में आंतरिक मतभेद थे. इस कारण बाद में पार्टी टूट गई.
इस पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने सवाल किया कि वो 3 साल तक क्यों सरकार में रहे. बता दें कि एकनाथ सिंदे ने उद्धव ठाकरे से अलग होकर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली थी. इसके बाद से उद्धव और शिंदे गुट के नेता एक दूसरे पर विभिन्न मुद्दों को लेकर निशाना साध रहे हैं.
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