मुंबई: महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार उद्धव ठाकरे दिल्ली दौरे पर हैं. इस दौरे में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी और बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण अडवाणी से मुलाकात करेंगे. पार्टी के नेता इसे केवल एक औपचारिक मुलाकात बता रहे हैं, लेकिन महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी में हो रहे मतभेद को देखते हुए इस दौरे के राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं.


शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा, "महाराष्ट्र के विकास कामों में केंद्र सरकार से अपेक्षित मदद को लेकर मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री से मुलाकात कर रहे हैं. ये बैठक राज्य के विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. राज्य को केंद्र से मिलने वाली आर्थिक मदद, किसानों की समस्या, फसल बीमा, अयोध्या और मीनार रिफाइनरी जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर इस बैठक में चर्चा होगी."


मुख्यमंत्री का ये आधिकारिक दौरा है, लेकिन इस मुलाकात में राज्यों की राजनीति पर चर्चा तो होगी. सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का एनसीपी के साथ कुछ विषयों पर मतभेद चल रहे हैं. ऐसे समय में ये मुलाकात सवाल खड़े करती है कि क्या शिवसेना एनसीपी पर दबाव बना रही है कि अगर संघर्ष बढ़ा तो उनके लिए बीजेपी के भी रास्ते खुले हैं.


खुद संजय राउत ये मानते हैं कि राजनीतिक दूरियां इनके बीच जरुर आई हैं लेकिन दिल का रिश्ता तो अब भी बीजेपी के साथ बना हुआ है. राउत ने कहा, "राजनीतिक रिश्ता ख़त्म जरुर हुआ लेकिन 30 साल के गठबंधन में जो दिल का रिश्ता बना है वो कैसे टूट सकेगा." वहीं पार्टी और खुद मुख्यमंत्री से साफ कर चुके हैं कि हिंदुत्व का मुद्दा वो कभी नहीं छोड़ेंगे और अपनी इसी विचारधारा को आगे ले जाते हुए उद्धव ठाकरे सात मार्च को अयोध्या जा रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक में अयोध्या दौरे पर चर्चा होने की भी संभावना है.


उद्धव ठाकरे ने सरकार बनाने के बाद सार्वजनिक मंच से ही कहा था कि वो अपने बड़े भाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने जाएंगे. उसी वचन को निभाते हुए उद्धव ठाकरे दिल्ली पहुंचे हैं, लेकिन दोनों के बीच क्या बातें होंगी और उस विषय को लेकर राज्य में उसके क्या परिणाम होते हैं ये देखना होगा.


कहा ये जा रहा है कि उद्धव ठाकरे की मोदी से मुलाकात के परिणाम राज्य में दिखाई दे सकते हैं और अगर दिल्ली में आकर अपने साथी पार्टी के नेताओं से ना मिलते तो और दिक्कत होती. यही वजह है कि इस दौरे पर उद्धव ठाकरे सोनिया गांधी से भी मिल रहे हैं.


पीएम मोदी से मुलाकात के बाद उद्धव ठाकरे शाम सात बजे कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी से उनके घर पर मुलाकात करेंगे. इस मुलाकात में सरकार के कामकाज और रणनीतियों पर चर्चा तो करेंगे लेकिन सूत्रों का कहना है है कि सानिया गांधी और उद्धव ठाकरे शिवसेना के एनडीए में शामिल होने को लेकर भी चर्चा कर सकते है. साथ ही एनआरसी, सीएए, एनपीआर को लेकर चल रहे मतभेद और उद्धव ठाकरे के अयोध्या दौरे पर भी चर्चा हो सकती है.


सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद उद्धव ठाकरे बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद भी लेंगे. शिवसेना नेता संजय राउत ने बताया, "लालकृष्ण अडवाणी उद्धव ठाकरे के लिए पिता समान हैं. अडवाणी जी और बालासाहेब ठाकरे का एक करीबी नाता था उसी का आदर करते हुए उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बनने के बाद उनका आशीर्वाद लेने जा रहे हैं."


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