मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुंबई में सतत बिजली आपूर्ति बनाए रखने के लिए विक्रोली 400 केवी सबस्टेशन परियोजना को समय पर पूरा करने के निर्देश दिए है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुंबई में भविष्य के बिजली की जरूरतों को पूरा करने के लिए विक्रोली में 400 केवी की प्रस्तावित जीआईएस सबस्टेशन परियोजना की समीक्षा की. इसके बाद सीएम ठाकरे ने निर्देश दिया कि इस प्रस्ताव पर काम तुरंत शुरू किया जाना चाहिए और वर्ष 2023 तक पूरा होना जाना चाहिए. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मुंबई में सतत बिजली आपूर्ति बनाए रखने के लिए वर्ष 2009 में मंजूर किए गए इस महत्वपूर्ण परियोजना को इतने सालों तक लटकाए हुए रखना उचित नहीं है.


हाल ही में मुंबई में बिजली आपूर्ति प्रभावित होने के मामले को मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लिया है. इसी कड़ी में उद्धव ठाकरे बिजली क्षेत्र से जुड़ी हुई विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा कर रहे हैं. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में उनके सरकारी आवास वर्षा पर विक्रोली परियोजना को लेकर बैठक आयोजित की गई थी. इस बैठक में सांसद विनायक राउत, मुख्य सचिव संजय कुमार, मुख्यमंत्री के प्रमुख सलाहकार अजोय मेहता, अतिरिक्त मुख्य सचिव आशीष सिंह,प्रधान सचिव विकास खारगे, ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव असीम कुमार गुप्ता, महापारेषण कंपनी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक दिनेश वाघमारे भी उपस्थित थे.


प्रधान सचिव असीम गुप्ता ने बैठक के दौरान जानकारी दी की, विक्रोली की यह परियोजना मुंबई के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है. इस परियोजना के तहत मुंबई के लिए 1000 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की अतिरिक्त व्यवस्था वर्ष 2023 तक होने की उम्मीद है. इसके लिए खारघर सबस्टेशन में 400 केवी बिजली लाइन निर्माण करने का प्रस्ताव है. इसी तरह से तलेगांव-कलवा में 400 केवी बिजली लाइन के माध्यम से विक्रोली तक 400 केवी बिजली, इसके अतिरिक्त पडघा, नवी मुंबई के ग्रीड सबस्टेशनों से जोड़ना आदि मुद्दे शामिल है. इस तरह से मुंबई के लिए 1000 मे.वॅ. बिजली की अतिरिक्त व्यवस्था निर्माण करना प्रस्तावित है.


निर्धारित समय के अनुरुप के अनुसार, टाटा पॉवर ने अगले सप्ताह तक विक्रोली परियोजना के निर्माण के लिए जमीन को अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड कंपनी को हस्तांतरित करने की बात पर कंपनी के अधिकारियों ने सहमति व्यक्त की है. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए है कि जमीन की पज़ेशन (कब्जा) मिलने के बाद इस परियोजना का काम वर्ष 2023 तक किसी भी सूरते-ए-हाल में पूरा किया जाना चाहिए.