मुंबई: महाराष्ट्र में पल पल बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच सीएम की रेस में शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे का नाम सबसे आगे चल रहा है. दिलचस्प बात ये है कि बीजेपी के सरकार बनाने से असर्मथता जताने के बाद सीएम की रेस में उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे सबसे आगे थे, लेकिन गठबंधन दलों के वीटो के बीच अपने बेटे को पछाड़ अब उद्धव ठाकरे सीएम की रेस में सबसे आगे चल रहे हैं.
हालांकि, सीएम पद और शिवसेना को समर्थन के मुद्दे पर कांग्रेस के समर्थन को लेकर तस्वीर अब तक पूरी तरह से साफ नहीं है.
महाराष्ट्र की राजनीति में बिना किसी पद हासिल किए सूबे की सत्ता को रिमोट कंट्रोल से चलाने वाली विरासत को अब उद्धव खुद कुर्सी पर बैठकर चलाएंगे. ठाकरे परिवार में आदित्य ठाकरे से पहले किसी ने अब तक चुनाव नहीं लड़ा था, लेकिन चीज़ें धीरे धीरे बदल रही हैं.
आइए जानते हैं- उद्धव ठाकरे के बारे में
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का जन्म 27 जुलाई 1960 को मुंबई में हुआ था. उनकी पत्नी का नाम रश्मि ठाकरे है. जिनसे दो बच्चे आदित्य ठाकरे और तेजस ठाकरे हैं. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे पार्टी के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे के पुत्र हैं. उद्धव ठाकरे को पार्टी की बागडोर बालासाहेब के जीवनकाल में विरासत में मिली.
बाल ठाकरे ने उन्हें 2004 में पार्टी प्रमुख की जिम्मेदारी सौंपी थी. जून 2006 से उद्वव ठाकरे शिवसेना के मुख्य पत्र 'सामना' के संपादक हैं. साल 2002 में उनके नेतृत्व ने पार्टी ने बीएमसी चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन किया था.
उद्वव ठाकरे अपनी आक्रामक और उग्र रुख के कारण कई बार विवादों में घिर चुके हैं. हिंदू और मराठियों के लिए हमेशा मुखर रहने वाले शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने उत्तर भारतीयों पर हमले को अंजाम दिया.
एक बार उन्होंने अपनी ही पार्टी के नेता संजय निरुपम को चेतावनी देते हुए कहा था, "यदि वो (संजय) मुंबई में किसी भी प्रकार से कार्यों में बाधा डालेंगे, तो मैं उनके दांत तोड़ दूंगा."
वर्ष 2016 में, उन्हें मराठा समुदाय पर चित्रित विवादास्पद कार्टून के लिए माफ़ी मांगनी पड़ी. जिसे 25 सितंबर को शिवसेना के मुख्य पत्र 'सामना' और 'दोपहर का सामना' में छायांकित किया गया था.
उनका बड़ा बेटा आदित्य ठाकरे युवा सेना का अध्यक्ष है. 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी को 56 सीटें मिली हैं. बीजेपी के साथ शिव सेना का रिश्ता 30 साल पुराना है.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. जिसमें बीजेपी ने 105 सीटों पर जीत दर्ज की थी. फिलहाल बीजेपी से नाता तोड़ उद्वव ठाकरे एनसीपी और कांग्रेस की मदद से सरकार बनाने जा रहे हैं.