Udhyanidhi Sanatana Remark: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन के विवादित बयान से कांग्रेस ने किनारा कर लिया है. महाराष्ट्र कांग्रेस के मुखिया नाना पटोले ने कहा कि कांग्रेस पार्टी धार्मिक भावनाओं को आहत करने में विश्वास नहीं करती है.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक रविवार (03 सितबंर) को उन्होंने कहा, “हमारा रुख साफ है. कांग्रेस न तो टिप्पणी में और न ही किसी की धार्मिक भावनाएं आहत करने में विश्वास करती है. हम किसी और के बयान की जिम्मेदारी नहीं ले सकते. हमने अपनी स्थिति स्पष्ट रूप से व्यक्त की है.” लोकसभा चुनाव में बीजेपी की हैट्रिक रोकने के मकसद से बनाए गए महागठबंधन इंडिया का कांग्रेस और डीएमके दोनों ही हिस्सा हैं.
बीजेपी ने इंडिया गठबंधन पर उठाए सवाल
उदयनिधि के विवादित बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इंडिया गठबंधन पर सवाल उठाए हैं. पार्टी ने कहा कि क्या विपक्षी पार्टियां सनातन धर्म को खत्म करने के लिए गठबंधन बना रही हैं. इसके अलावा, बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि डीएमके सरकार में मंत्री सनातन धर्म को मानने वालों के नरसंहार की अपील कर रहे हैं.
मालवीय ने कहा, "उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को मलेरिया और डेंगू से जोड़ा है. उनका मानना है कि इसे खत्म किया जाना चाहिए, न कि केवल विरोध किया जाना चाहिए. संक्षेप में, वो सनातन धर्म को मानने वाली भारत की 80 प्रतिशत आबादी के नरसंहार का आह्वान कर रहे हैं." उन्होंने आगे लिखा, "डीएमके विपक्षी गुट (इंडिया) का एक प्रमुख सदस्य और कांग्रेस की पुरानी सहयोगी है. क्या मुंबई बैठक में इसी पर सहमति बनी थी?"
क्या कहा था उदयनिधि स्टालिन ने?
तमिलनाडु के चेन्नई में एक सभा को संबोधित करते हुए खेल और युवा मामलों के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म के खिलाफ बोलते हुए कहा, “कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें सिर्फ खत्म किया जा सकता है. हम डेंगू का विरोध नहीं कर सकते, मच्छर हो, मलेरिया हो या फिर कोरोना, हमें इन्हें खत्म करना है. उसी तरह हमें सनातन धर्म को खत्म करना है. सनातन धर्म का सिर्फ विरोध करने बजाय इसको खत्म करना चाहिए.”