BJP On I.N.D.I.A.: तमिलनाडु के युवा कल्याण मंत्री और डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन के 'सनातन धर्म को समाप्त किया जाना चाहिए' वाले बयान पर बीजेपी की ओर से जमकर प्रहार किया जा रहा है. स्टालिन के बयान को विपक्षी गठबंधन INDIA से जोड़ते हुए रविवार (3 सितंबर) को बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया.
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, ''इनका एजेंडा साफ है कि हिंदू धर्म का समूल नाश करना है, सनातन धर्म का समूल नाश करना है, तो ये सिर्फ कोई धर्म-संस्कृति का विषय नहीं है, ये भारत का समूल नाश करने का आधार है.''
पाकिस्तान और कश्मीर का किया जिक्र
बीजेपी नेता ने कहा, ''यह बात मैं इसलिए भी कहना चाहता हूं कि भारत के वो-वो हिस्से जहां इरेडिकेशन (नाश) ऑफ सनातन धर्म हो गया, लेटेस्ट हिस्ट्री पाकिस्तान की है, क्या हुआ वहां? आज तबाही का मंजर है कि नहीं? और भारत में, कश्मीर में क्या हुआ? 2019 से पहले क्या ग्रोथ रेट थी, क्या रोजगार दर थी, क्या शिक्षा दर थी, इसलिए मैं दृढ़ विश्वास के साथ कहना चाहता हूं, उनका असली मंसूबा सामने आ गया है और यह इस देश के बुनियादी ढांचे पर, जो ज्ञान का आधार है, जो विकास का आधार है, जो समृद्धि का आधार है, उस पर प्रहार करने और उसे ध्वस्त करने के अलावा और कुछ नहीं है.''
'मोहब्बत के दुकानदार का असली किरदार पूरी तरह उजागर'
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, ''अपने संबोधन की शुरुआत में सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, ''आप सभी ने देखा होगा कि इस तथाकथित I.N.D.I.A/घमंडिया गठबंधन के घटक दल, तमिलनाडु के डीएमके के मंत्री उदयनिधि स्टालिन का जो एक बयान आया है, उससे ये मोहब्बत के दुकानदार का असली किरदार अब पूरी तरह उजागर हो गया है क्योंकि हम यह कह रहे हैं कि ये कोई आइसोलेशन में दिया गया बयान नहीं है लेकिन इसमें पूरा परिणामी क्रम है.''
क्या कहा था उदयनिधि स्टालिन ने?
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को समानता और सामाजिक न्याय के खिलाफ बताते हुए कहा कि इसे समाप्त किया जाना चाहिए. उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया और डेंगू वायरस और मच्छरों से होने वाले बुखार से करते हुए कहा कि ऐसी चीजों का विरोध नहीं करना चाहिए, बल्कि नष्ट कर देना चाहिए.
तमिलनाडु प्रगतिशील लेखक और कलाकार संघ की शनिवार (2 सितंबर) को चेन्नई में आयोजित बैठक को तमिल में संबोधित करते हुए उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म क उल्लेख ‘सनातनम’ के तौर पर किया. उन्होंने कहा, ‘‘सनातनम क्या है? यह संस्कृत भाषा से आया शब्द है. सनातन समानता और सामजिक न्याय के खिलाफ होने के अलावा कुछ नहीं हैं.’’
उदयनिधि ने कहा, ‘‘सनातन का क्या अभिप्राय है? यह शास्वत है, जिसे बदला नहीं जा सकता, कोई सवाल नहीं कर सकता है और यही इसका मतलब है.’’ उन्होंने आरोप लगाया कि सनातन ने लोगों को जातियों के आधार पर बांटा. मंत्री ने कहा कि सब कुछ बदला जाना चाहिए और कुछ भी चिरस्थायी नहीं है. उन्होंने कहा कि वामपंथी आंदोलन और द्रमुक की स्थापना सभी पर सवाल करने के लिए की गई है.
(भाषा इनपुट के साथ)
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