उदयनिधि स्टालिन के बयान पर हिमंत सरमा का वार, 'अगर इस्लाम, ईसाई या किसी अन्य धर्म के खिलाफ कहा गया होता तो...'
Udhayanidhi Sanatana Dharma Remark: डीएमके और कांग्रेस उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म वाले बयान पर बीजेपी के निशाने पर है. असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने भी वार किया है.
Udhayanidhi Stalin Controversy: डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म पर बयान को लेकर मचे बवाल के बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक बार फिर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने उदयनिधि स्टालिन के बयान पर कांग्रेस को निशाने पर लिया है. सीएम सरमा ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस सनातन धर्म को नुकसान पहुंचाने की साजिश में अहम भूमिका निभा रही है.
हिमंत सरमा ने सोमवार (4 सितंबर) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया, ''हिंदू विरोधी बयानों के लिए अपने गठबंधन सहयोगियों के खिलाफ कदम उठाने के बजाय, कांग्रेस 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता' की आड़ में छिप रही है.''
इसी के साथ असम के सीएम ने पोस्ट में लिखा, ''यदि इसी जगह इस्लाम, ईसाई या किसी अन्य धर्म के खिलाफ कोई टिप्पणी की गई होती तो क्या कांग्रेस इस मुद्दे को इसी प्रकार टाल देती? वास्तव में अब यह स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस सनातन धर्म को नुकसान पहुंचाने की साजिश में एक अहम रोल निभा रही है.''
On DMK leader Udhayanidhi Stalin's 'Sanatana dharma' remark, Assam CM Himanta Biswa Sarma tweets, "...Had the said leader made a comment on eradicating Islam or Christianity or any other religion, would Congress have brushed aside the issue as “freedom of speech”? In fact, it is… pic.twitter.com/61gWXCEjh8
— ANI (@ANI) September 4, 2023
प्रियांक खरगे के बयान के बाद आया हिमंत सरमा का रिएक्शन
हिमंत सरमा का यह बयान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे और कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खरगे की टिप्पणी के बाद आया है. सोमवार को ही न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में कांग्रेस नेता प्रियांक खरगे ने उदयनिधि स्टालन के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि जो धर्म समान अधिकार नहीं देता है या लोगों के साथ इंसानों जैसा व्यवहार नहीं करता है, वो बीमारी के समान है.
क्या कहा था उदयनिधि स्टालिन ने?
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, तमिलनाडु के युवा कल्याण मंत्री और डीएमके की युवा इकाई के सचिव उदयनिधि स्टालिन ने शनिवार (2 सितंबर) को एक कार्यक्रम में सनातन धर्म को समानता और सामाजिक न्याय के खिलाफ बताते हुए कहा था कि इसका उन्मूलन (जड़ से उखाड़ना) किया जाना चाहिए.
उन्होंने सनातन धर्म की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया, और डेंगू वायरस और मच्छरों से होने वाले बुखार से करते हुए कहा था कि ऐसी चीजों का विरोध नहीं करना चाहिए, बल्कि उन्मूलन किया जाना चाहिए.
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