(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Sanatana Dharma Row: उदयनिधि पर भड़के संजय राउत, बोले- 90 करोड़ लोगों की भावना नहीं आहत कर सकते
Sanatana Dharma Row: उदयनिधि स्टालिन के बयान पर संजय राउत ने कहा किसी भी मंत्री को ऐसे बयान देने से बचना चाहिए. ये डीएमके का या फिर उदयनिधि का निजी बयान हो सकता है जिसका कोई समर्थन नहीं करेगा.
Stalin Sanatana Dharma Remark: तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के सनातन धर्म का उन्मूलन करने के बयान का विवाद बिल्कुल भी थमता हुआ नहीं नजर आ रहा है. अब इसकी आलोचना इंडिया गठबंधन में उद्धव बाला साहब ठाकरे शिवसेना ने भी कर दी है. शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, 'वो (उदयनिधि) इस देश में रहने वाले 90 करोड़ से अधिक लोगों की भावना को चोट कैसे पहुंचा सकते हैं.'
संजय राउत ने कहा, 'उदयनिधि स्टालिन एक मंत्री हैं और उनके बयान का कोई समर्थन नहीं करेगा. उनको इस तरह के बयान से बचना चाहिए. यह DMK की राय हो सकती है. इस देश में 90 करोड़ हिंदू और अलग-अलग धर्मों के लोग रहते हैं. इस तरह से पूरे देश का माहौल खराब हो गया है. एम. के. स्टालिन एक आदरणीय नेता हैं. अगर उनके सलाहकार थोड़ा बचकर बयान दें तो गठबंधन में रुकावट नहीं आएगी.
#WATCH | Shiv Sena (UBT) MP Sanjay Raut says, "...I have heard that statement...Udayanidhi Stalin is a minister & no one will support his statement and one should refrain from making such statements...This could be DMK's view or his personal view. Around 90 crore Hindus live in… pic.twitter.com/gOIHD7ReTk
— ANI (@ANI) September 7, 2023
विफलताओं को छिपाने का नाटक कर रही है डीएमके
ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के महासचिव ईके पलानीस्वामी ने उदयनिधि के बयान को जान-बूझकर दिया गया बयान बताया और कहा-ऐसा उन्होंने सिर्फ लोगों का ध्यान भटकाने के लिए किया है. तमिलनाडु के सीएम एम.के. स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने तमिलनाडु प्रगतिशील लेखक और कलाकार संघ की बैठक को संबोधित करते हुए सनातन धर्म की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया और डेंगू से करते हुए कहा था, 'ऐसी चीजों का विरोध नहीं किया जाना चाहिए बल्कि इनको खत्म कर देना चाहिए.'
पलानीस्वामी ने कोयंबटूर संवाददाताओं से कहा, यह एक विडंबना है कि राष्ट्रपति चुनाव में वंचित वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाले रामनाथ कोविंद और द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ मतदान करने वाली द्रमुक सामाजिक न्याय की बात कर रही है. अब वह सनातन धर्म के विरुद्ध है.